दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए एशिया कप 2025 के रोमांचक फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर खिताब अपने नाम किया। इस जीत में युवा बल्लेबाज तिलक वर्मा नायक बनकर उभरे। उन्होंने दबाव में न सिर्फ भारतीय पारी को संभाला बल्कि हारिस रऊफ जैसे वर्ल्ड-क्लास गेंदबाज को भी निशाने पर लिया। तिलक वर्मा 29 सितंबर को स्वदेश लौटे। उन्होंने 30 सितंबर को गृह नगर हैदराबाद में पत्रकारों से बातचीत की।

तिलक वर्मा के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई ने लिखा, ‘एशिया कप जीतना आक्रामक प्रतिद्वंद्वी को ‘सर्वश्रेष्ठ जवाब’ था। तिलक वर्मा ने खुलासा किया कि खिताबी मुकाबले में उन्होंने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के शुरुआती दबाव और जुबानी हमलों का डटकर सामना किया। तिलक ने स्वीकारा कि मैच के दौरान पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने काफी छींटाकशी की, लेकिन उन्होंने चुप्पी साधे रखी। तिलक वर्मा ने बताया कि जैसे ही वह बल्लेबाजी करने उतरे, पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने काफी कुछ कहा, लेकिन उन्होंने धैर्य रखा और उसी छींटाकशी को प्रेरणा में बदल दिया और पाकिस्तानी टीम की चाल को नाकाम कर दिया। उनका यह जज्बा भारतीय पारी की रीढ़ साबित हुआ।

तिलक ने कहा, शुरुआत में थोड़ा दबाव और घबराहट थी, लेकिन मैंने अपने देश को हर चीज से ऊपर रखा। मैं देश के लिए मैच जीतना चाहता था। मुझे पता था कि अगर मैं उस समय दबाव में आ गया तो मैं खुद को और देश के 140 करोड़ लोगों को निराश करूंगा। मैंने एक युवा क्रिकेटर के रूप में अपने कोचों से सीखी बुनियादी बातों पर डटा रहा और उन्हें लागू किया। उन्हें सबसे अच्छा जवाब मैच जीतना था और हमने वही किया।

तिलक वर्मा ने बताया, हमने तीन विकेट जल्दी गंवा दिए थे। मैं सामान्य से थोड़ा पहले बल्लेबाजी करने आया था। माहौल थोड़ा गरमा गया था, लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा और न ही कोई ऐसा शॉट खेला जिससे टीम और देश को नुकसान हो। हारिस रऊफ को लेकर तिलक वर्मा ने कहा, हरिस रऊफ भले ही वर्ल्ड-क्लास बॉलर हों, लेकिन मैं भी अच्छा बल्लेबाज हूं। उन्हें खेलना मुश्किल नहीं था। उन्होंने यह भी बताया कि शिवम दुबे के आउट होने के बाद उन्हें खेल खत्म करने का पूरा भरोसा था। तिलक वर्मा ने माना कि भारत के 3 विकेट जल्दी गंवाने के बाद दबाव था।

हालांकि, हैदराबादी खिलाड़ी ने खुलासा किया कि भारत के लक्ष्य पार करने के बाद उन्होंने पाकिस्तानी खिलाड़ियों को अपनी बात कहने का मौका दिया। उन्होंने कहा, मैच के दौरान, मैं सिर्फ अपने बेसिक्स पर ध्यान दे रहा था, मैं उन्हें जवाब देने की सोच भी नहीं रहा था। मैं उन्हें जो कुछ भी बताना चाहता था, मैच के बाद बताता, खेल के दौरान नहीं। उन्होंने कहा, मैच के दौरान बहुत सी चीजें हो रही थीं, लेकिन मैं सब कुछ नहीं बता सकता। भारत बनाम पाकिस्तान मैचों में ऐसी चीजें होती हैं और ये खेल का हिस्सा हैं, लेकिन हमारा ध्यान मैच जीतने पर था।

तेज गेंदबाज हारिस रऊफ द्वारा फेंके गए आखिरी ओवर में भारत को 10 रन बनाने थे। तिलक वर्मा ने कहा कि तब तक वह दबाव से उबर चुके थे। उन्होंने कहा, मैं (आखिरी ओवर में) दबाव में नहीं था। मुझे पता था कि मैं मैच जीत जाऊंगा। मैं बस अपने देश के बारे में सोच रहा था और एक-एक गेंद पर ध्यान केंद्रित कर रहा था। मैंने देश के लिए अच्छा प्रदर्शन करने के लिए खुद पर भरोसा किया और मुझे इस पर बहुत गर्व है।

तिलक ने कहा कि भारत ने मैच इसलिए जीता क्योंकि वे बल्लेबाजी के लिए पिच आसान नहीं होने के बावजूद साझेदारियां बनाने में सफल रहे। उन्होंने कहा, मैं सूर्या भाई के कोई प्रतिद्वंद्विता नहीं वाले बयान से सहमत हूं, लेकिन यह खेल है और हमें पता था कि वे फाइनल के लिए पूरी तैयारी के साथ उतरेंगे। उन्होंने कहा, हमें इसकी उम्मीद थी और जब उन्होंने गेंद की गति कम कर दी और पिच भी बल्लेबाजी के लिए आसान नहीं थी, तब भी हम तैयार थे। हमने कुछ अच्छी साझेदारियां कीं और मैच जीत लिया और हमें इस पर गर्व है।