खेलों के लिए दिए जाने वाले पुरस्कार इस बार भी विवादों से अछूते नहीं रहे। टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा को हालांकि शनिवार को राष्ट्रपति भवन में भव्य समारोह में प्रतिष्ठित राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा गया। लेकिन उनके पुरस्कार देने को लेकर खेल मंत्रालय पर सवाल उठे। मामला अदालत तक भी पहुंचा। कई बेहतरीन खिलाड़ियों की उपलब्धियों को नजरअंदाज कर सानिया मिर्जा क चयन इस पुरस्कार के लिए किया गया। उनके नाम पर विवाद उठे क्योंकि हाल के दिनों में उन्होंने टेनिस में देश के लिए ऐसा चमत्कारिक प्रदर्शन नहीं किया था।
महिलाओं का डबल्स खिताब जीत कर वे जरूर रैंकिंग में नंबर एक बनीं लेकिन यह प्रदर्शन उन्होंने देश के लिए नहीं किया था, यह जग जहिर है। इसलिए उनके नाम को लेकर खेल मंत्रालय की नीयत पर सवाल उठे। फिर परा एथलीट एचएन गिरिशा ने कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर कर खुद को इस पुरस्कार के लिए सानिया से बेहतर दावेदार माना था। गिरिशा ने अपनी याचिका में कहा था कि उनके नब्बे अंक हैं और सानिया इसके आसपास भी नहीं हैं।
गिरिशा का तर्क था कि खेल मंत्रालय के नियमों के मुताबिक यह पुरस्कार सिर्फ उन खिलाड़ियों को दिया जाता है जिनका प्रदर्शन ओलंपिक, एशियाए खेलों, विश्व चैंपियनशिप, पारालंपकि व राष्ट्रमंडल खेलों में बेहतर होता है। ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन इन पुरस्कारों का आधार नहीं है। सानिया के अलावा कुश्ती कोच अनूप सिंह को द्रोणाचार्य दिए जाने पर भी विवाद हुआ। दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि विनोद कुमार को द्रोणाचार्य दिया जाए। बाद में इस आदेश पर हाई कोर्ट के खंडपीठ ने इस पर रोक लगा दिया।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सानिया सहित देश के जाने माने एथलीटों को पुरस्कार प्रदान किया। सानिया मैरून रंग की साड़ी और नीला ब्लेजर पहने हुए थी।ं दरबार हाल में में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उन्होंने पुरस्कार प्राप्त किया। दरबार हाल में तब खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। लिएंडर पेस के बाद सानिया देश का सर्वोच्च खेल पुरस्कार पाने वाले दूसरी टेनिस खिलाड़ी हैं।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर अर्जुन पुरस्कार भी वितरित किए। क्रिकेट खिलाड़ी रोहित शर्मा, मुक्केबाज मनदीप जांगड़ा और धाविका एमआर पूवम्मा पुरस्कार लेने के लिए मौजूद नहीं थे। सेवानिवृत न्यायधीश वीके बाली की अगुआई वाली समिति ने कुल 17 नामों को अर्जुन पुरस्कार देने की सिफारिश की थी।
राष्ट्रपति भवन में उपस्थित लोगों की सबसे अधिक तालियां सानिया को मिली जिन्होंने पदक, प्रमाणपत्र और 7.50 लाख रुपए का नकद पुरस्कार हासिल किया। वे सोमवार से शुरू होने वाले यूएस ओपन से पहले यहां केवल पुरस्कार हासिल करने के लिये आर्इं थीं। अर्जुन पुरस्कार विजेताओं को अर्जुन की प्रतिमा, प्रमाणपत्र और पांच लाख रुपए नकद दिए गए।
इस बार भी पुरस्कार विवादों से घिरे रहे। कुछ एथलीटों और कोचों ने मंत्रालय से नियुक्त पैनल की सिफारिशों को स्वीकार नहीं किया। जब लग रहा था कि इस बार के समारोह से पहले कोई विवाद नहीं होगा तब परा एथलीट एचएन गिरिशा ने सानिया को खेल रत्न देने की सिफारिश को कर्नाटक हाई कोर्ट में चुनौती दी। गिरिशा को अब भी पुरस्कार मिलने की उम्मीद है वहीं कुश्ती कोच विनोद कुमार का मामला अदालत में लंबित है।
विनोद ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करके दावा किया कि वे अनूप कुमार की तुलना में द्रोणाचार्य पुरस्कार पाने के अधिक हकदार है। सरकार से नियुक्त पैनल ने अनूप कुमार के नाम की सिफारिश की थी। यह अगले सप्ताह पता चलेगा कि उन्हें द्रोणाचार्य मिलेगा या नहीं।
स्टार निशानेबाज जीतू राय के लिए यह गौरवशाली क्षण था जिन्होंने पिछले दो साल में शानदार प्रदर्शन किया है। उनके अलावा राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला जिम्नास्ट दीपा करमाकर, हाकी स्टार पीआर श्रीजेश और पहलवान बबिता को भी अर्जुन पुरस्कार दिया गया।
पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा को तेंजिंग नारजे एडवेंचर पुरस्कार से नवाजा गया। एअर एडवेंचर के लिए सेवानिवृत्त लेफ्टिनंट कर्नल सत्येंद्र वर्मा, वाटर एडवेंचर के लिए विंग कमांडर परमवीर सिंह और कर्नल सतीशचंद्र शर्मा को लाइफटाइम पुरस्कार दिया गया।
अर्जुन पुरस्कार: पीआर श्रीजेश (हाकी), दीपा करमाकर (जिम्नास्ट), जीतू राय (निशानेबाजी), संदीप कुमार (तीरंदाजी), मनदीप जांगड़ा (मुक्केबाजी), बबिता (कुश्ती), बजरंग (कुश्ती), रोहित शर्मा (क्रिकेट) के श्रीकांत (बैडमिंटन), स्वर्ण सिंह विर्क (रोइंग), सतीश शिवालिंगम (भारोत्तोलन), सांतोई देवी (वुशु), शरत गायकवाड़ (परा सेलिंग), एमआर पूवम्मा (एथलेटिक्स), मनजीत छिल्लर (कबड्डी), अभिलाषा महात्रे (कबड्डी) अनूप कुमार यामा (रोलरस्केटिंग)।
द्रोणाचार्य पुरस्कार: नवल सिंह (एथलेटिक्स परा खेल), अनूप सिंह (कुश्ती), हरबंस सिंह (एथलेटिक्स लाइफटाइम अचीवमेंट), स्वतंत्र राज सिंह (मुक्केबाजी लाइफटाइम अचीवमेंट), निहार अमीन तैराकी लाइफटाइम अचीवमेंट)।
ध्यानचंद पुरस्कार: रोमियो जेम्स (हॉकी), शिवप्रकाश मिश्रा (टेनिस), टीपीपी नायर (वॉलीबाल)।

