भारतीय क्रिकेट टीम का 2022 में टी20 फॉर्मेट में प्रदर्शन शानदार रहा है। उसने इस साल अब तक 23 टी20 मैच खेले हैं। इसमें से उसने 18 में जीत हासिल की है, जबकि 4 में पराजय का सामना किया है। एक मैच का नतीजा नहीं निकला। दो अगस्त 2022 के बाद से टीम इंडिया ने एक भी टी20 मुकाबला नहीं हारा है। इस साल 16 अक्टूबर से 13 नवंबर के बीच ऑस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप खेला जाना है।
भारतीय क्रिकेट टीम भी टी20 विश्व कप के खिताब की प्रबल दावेदार है। भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा और पार्थिव पटेल भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं। हालांकि, उनका यह भी मानना है कि टीम इंडिया को सही संयोजन की जरुरत है। अजय जडेजा और पार्थिव पटेल ने क्रिकबज के शो पर अपनी राय रखी। साथ ही टी20 विश्व कप में किसी चीज की कमी टीम इंडिया को भारी पड़ सकती है, उस पर भी चर्चा की।
पार्थिव पटेल ने कहा, ‘विश्व कप होने में अब कुछ ही समय है। ऐसे में आपको कॉम्बिनेशन को लेकर कोई संदेह नहीं होना चाहिए। आपके पास प्लेयर की कमी नहीं है, लेकिन जो चीज नहीं होती है वह यह है कि सही संयोजन नहीं होता। उसकी वजह से भारत कई बार बड़े टूर्नामेंट को जीतने में चूक जाता है। यहां पर वह गलती नहीं होना चाहिए। इसलिए मैं चाहता हूं कि पूरा एक जो ग्रुप मिले और आपको वह कॉम्बिनेशन (संयोजन) मिले, जहां से आप विश्वास के साथ विश्व कप में उतर सकें।’
अजय जडेजा ने कहा, ‘देखिए अब तक यह हालत हो गई है, क्योंकि इन खिलाड़ियों में किसी में कोई कमी नहीं है। यही नहीं, 10-15 और ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनको आप खिला सकें। मेरा मानना है कि यह फायदेमंद भी है, नुकसानदायक भी। चूंकि सारी बात नतीजे पर आकर टिकती है। आप एक साल पहले कप्तान और कोच बदल चुके हैं। अब वे जिसको भी लेकर चलेंगे, क्योंकि इन्हीं की कप्तानी और कोच साहब की कोचिंग में ये सारी खिलाड़ी भारत के लिए खेल चुके हैं, जो 15 बाहर हैं, मैं उनकी बात कर रहा हूं, और सब में क्षमता है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘मोहम्मद शमी को जिन्हें खिलाया नहीं, लेकिन मैं समझता हूं कि उनमें भी इस फॉर्मेट के लिए बहुत क्षमता है। हालांकि, अब तो यही कप्तान और यही कोच हैं तो हमें उनकी सोच के साथ चलना पड़ेगा, लेकिन अंत में सारी बात नतीजे पर आती है।’
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उन्होंने कहा, ‘मेरा कहना है कि आप जो अग्रेसिव क्रिकेट की बात कर रहे हैं, उसमें खाली टॉप ऑर्डर के अग्रेसिव की बात नहीं है, या मिडिल का नहीं है या स्पिनर अग्रेसिव डाल रहा है कि नहीं है, यह भी जरूरी है कि आपके तेज गेंदबाज की सोच भी अग्रेसिव है या नहीं। मुझे अग्रेसिव सोच वाला जो विकल्प है, वह यहां (हॉन्गकॉन्ग के मैच के खिलाफ) नजर नहीं आया।’