इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान अपनी तेज गति से सबका ध्यान खींचने वाले उमरान मलिक और कुलदीप सेन ऑस्ट्रेलिया नहीं जाएंगे। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने दोनों को टी20 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया के नेट गेंदबाज के तौर इन्हें चुना था, लेकिन इन्हें वीजा मिलने में देरी हो रही है और अब उन्हें नहीं भेजा जाएगा। दोनों खिलाड़ियों के ऑस्ट्रेलिया जाने की राह में आईसीसी का नियम रोड़ा बन गया।
जम्मू-कश्मीर के मलिक और मध्य प्रदेश के सेन के अलावा चेतन सकारिया और मुकेश चौधरी का भी नेट गेंदबाज के तौर पर चयन हुआ था, जिन्हें भारत की 15 सदस्यीय टीम के साथ पर्थ जाना था। सकारिया और चौधरी के पास पहले से ही ऑस्ट्रेलिया का वीजा था क्योंकि वे एक एक्सचेंज प्रोग्राम का हिस्सा थे। बीसीसीआई ने अन्य दो तेज गेंदबाजों के लिए वीजा के लिए आवेदन बाद में किया था।
पता चला है कि मलिक और सेन को अभी तक उनका वीजा नहीं मिला है और अब मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज और शार्दुल ठाकुर के जाने की वजह से बोर्ड ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया नहीं भेजने का फैसला किया है। मलिक और सेन आधिकारिक 15 सदस्यीय टीम का हिस्सा नहीं हैं। इसके अलावा दोनों का नाम स्टैंडबाय भी नहीं हैं।
क्या है आईसीसी का नियम
आईसीसी के निर्धारित मानदंडों के अनुसार टीम में चुने गए खिलाड़ी और रिजर्व लिस्ट में शामिल खिलाड़ियों के वीजा जल्दी मिल जाता है, लेकिन नेट गेंदबाजों के मामले में ऐसा नहीं होता। टी20 वर्ल्ड कप के लिए चुने गए 15 खिलाड़ियों अलावा, शमी, श्रेयस अय्यर, रवि बिश्नोई और दीपक चाहर को श स्टैंडबाय में रखा गया था। चाहर को चोट के कारण बाहर हो गए हैं।
जाना पड़ा घर वापस
चूंकि मलिक और सेन आधिकारिक सूची में नहीं थे, इसलिए उनके वीजा की प्रक्रिया में अपेक्षा से अधिक समय लगा। भारतीय टीम ने 5 अक्टूबर को पर्थ के लिए उड़ान भरी थी और मलिक और सेन ने भी मुंबई के टीम होटल में चेक इन किया था। उन्हें इस उम्मीद में रुकने को कहा गया कि उनका वीजा आ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वे अंततः घर वापस चले गए और मलिक को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए जम्मू-कश्मीर टीम में शामिल कर लिया गया।
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी खेलने के लिए कहा गया
एक बीसीसीआई पदाधिकारी ने कहा, ” मलिक और कुलदीप अब ऑस्ट्रेलिया नहीं जाएंगे क्योंकि आईसीसी 17 अक्टूबर के बाद नेट गेंदबाज उपलब्ध कराएगी। वैसे भी अन्य नेट गेंदबाज कुछ दिनों में उड़ान भरेंगे। हमने उनके वीजा के लिए कोशिश की, लेकिन समय पर नहीं मिल सका। इसलिए उन्हें सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी खेलने के लिए कहा गया है।”