भारतीय बल्लेबाज सुरेश रैना को लगता है कि चयनकर्ताओं को सीनियर खिलाड़ियों के प्रति अधिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए थी। सुरेश रैना ने जुलाई 2018 के बाद से कोई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच नहीं खेला है। हालांकि, चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) के इस बल्लेबाज ने इस साल होने वाले टी20 वर्ल्ड कप के लिए चुने जाने की आस नहीं छोड़ी है। हालांकि, सेलेक्टर्स ने जिस तरह का व्यवहार सीनियर खिलाड़ियों के साथ किया, उससे वे खुश नहीं हैं।

आज तक से विशेष बातचीत में रैना ने कहा, ‘2018 में भी अच्छा खेल रहा था। जितना मुझे मौका मिला, मैंने अच्छा किया। फिर मैनेजमेंट ने क्या किया, जो भी सेलेक्शन कमेटी थी। मेरा मानना है कि उनका (सेलेक्टर्स) फैसला था, क्योंकि मैं तैयार था और परफॉर्मेंस भी मेरा अच्छा था।’

उन्होंने कहा, ‘आयरलैंड या फिर इंग्लैंड जहां भी मौका मिला, वहां अच्छी बैटिंग कर रहा था। बॉडी के लिए उन्होंने (चयनकर्ताओं) ने बोला था कि यो-यो टेस्ट पास करना है। तो मैंने यो-यो भी ठीक-ठाक किया था। ऐसा नहीं था कि सिर्फ पासिंग था। उसके लिए भी मैंने काफी मेहनत की थी। युवी पाजी ने भी मेरा साथ यो-यो टेस्ट दिया था। हम लोगों ने बहुत मेहनत की थी।’

उन्होंने लगा, ‘सेलेक्टर्स को क्या लगा, उस टाइम पर। हमें ऐसा कुछ भी बताया नहीं गया। इसका मुझे मलाल है। हम 14-15 साल खेले, लेकिन कभी किसी ने यह नहीं बताया कि कहां गलत थे, क्या था। दादा कैप्टन थे, तो वे बताते थे। माही कैप्टन था, तो वह भी बताता था। लेकिन जब विराट आया तो उसने भी बात की अच्छे से। ऐसा नहीं है कि उसने बताया नहीं, लेकिन जो सेलेक्टर्स थे उनके लिए लगता है कि उन्हें हमारे वरिष्ठ खिलाड़ियों के प्रति ज्यादा जिम्मेदारी लेनी चाहिए।’

रैना ने बताया, ‘कोई भी बड़ा प्लेयर हो, जब वह इतना खेलता है और जब नहीं खेलता है तो उसे कारण जानना होता है कि आखिर उसे नेट पर क्यों नहीं बैटिंग मिल रही है। जहां वह फील्डिंग करता है वहां क्यों नहीं मुझे भेजा जा रहा है। वह जानना चाहता है कि उसे बताओ। उसमें कोई कमी होगी, वह उसमें सुधार करेगा।’

तीनों फॉर्मेट में शतक लगाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज रैना ने कहा, ‘किसी भी मोर्चे पर हो, उसे यह बताया जाना चाहिए कि उसे कहां मेहनत करनी चाहिए। वह नहीं पता चलेगा तो वह कहीं न कहीं मन में मलाल रहता है कि क्या होगा इधर। जब कारण ही नहीं पता चलेगा कि तो फिर कितना मेहनत करेंगे। मैच खेलने पर ही पता चलेगा कि आप रन बना पाओगे या नहीं। ट्रेनिंग से कुछ नहीं पता चलेगा। अगर सेलेक्टर्स हमसे बात करते तो अच्छा लगता। वे लोग भी इंडिया को रिप्रजेंट कर चुके हैं। कल को जब हम लोग सेलेक्टर बनेंगे या कोई दूसरा प्लेयर बनेगा। यदि मैं बना तो जरूर बताऊंगा कि आप इसलिए नहीं खेलेंगे, क्योंकि मैंने यह सीख ली है चीज से।’