CJI DY Chandrchud: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मुकदमे की फाइल (Case File) के बगैर पेश होने पर शुक्रवार को एक वकील (तोैबाी) को फटकार लगाई और कहा कि इसके बिना एक वकील (Lawyer) वैसे ही होता है, जैसे बगैर बैट के सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar)। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrchud) और जस्टिस हिमा कोहली (Justice Hima Kohli) की पीठ ने यह संज्ञान लिया कि एक वकील मुकदमे की फाइल के बगैर पेश हो रहा है।

वकील के इस चूक के लिए पीठ ने उसे तुरंत फटकार लगाई। सीजेआई ने कहा, ‘‘बिना ब्रीफ (Brief) वाला वकील वैसे ही होता है, जैसे बिना बैट के सचिन तेंदुलकर। ये खराब लगता है। आप अपने गाउन और बैंड में हैं, लेकिन आपके पास कोई कागजात नहीं है। ब्रीफ आपके पास हमेशा होना चाहिए।’’

सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने वकील को दी ये सलाह

सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने इसके बाद वकील को जरूरी सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि कोर्ट में पेश होने से पहले केस से जुड़ी फाइल जरूर पढ़ें. वरिष्ठ वकील न हों और उनके केस पर बहस करने का मौका मिले तो इस जरूर लें।

पहले भी दिया जा चुका है सचिन तेंदुलकर का उदाहरण

ऐसा पहली बार नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट या चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने सचिन तेंदुलकर का उदाहरण दिया हो। वकीलों ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की सचिन तेंदुलकर से तुलना की थी। रिकॉर्ड छह दिनों में नौ जजों की नियुक्ति पर पूर्व सीजेआई एनवी रमन्ना ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के सम्मान समारोह में कहा था कि वे सचिन तेंदुलकर नहीं हैं और खेल की तरह यहां भी टीम एफर्ट की जरूरत है।