उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने अपने पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव द्वारा तैयार किए गए भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के संविधान के मसौदे पर आपत्तियां दर्ज करने का समय सोमवार 17 जुलाई 2023 को दो सप्ताह और बढ़ा दिया। शीर्ष अदालत (Apex Court) ने यह भी स्पष्ट किया कि आईओए (IOA) से संबंधित याचिकाओं के लंबित रहने से उच्च न्यायालयों (High Courts) को अन्य खेल संस्थाओं से संबंधित लंबित याचिकाओं पर सुनवाई जारी रखने से नहीं रोका जाएगा।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ तथा न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने केंद्र की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज से आपत्तियों और सुझावों का मिलान करने और इन्हें मामले से संबंधित पक्षों को देने को कहा। पीठ ने कहा कि वह आईओए और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ से जुड़ी याचिकाओं पर 11 अगस्त को सुनवाई करेगी।

सुप्रीम कोर्ट 10 अक्टूबर 2022 को अपने पूर्व जज जस्टिस एल नागेश्वर राव को खेल निकाय के संविधान में संशोधन करने, उसकी मतदाता सूची तैयार करने और भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के कार्यकारी निकाय के चुनाव कराने की प्रक्रिया को संभालने के लिए नियुक्त किया था।

livelaw की खबर के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ एक विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में 2022 के दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें भारतीय ओलंपिक संघ और अन्य संबंधित मामलों को प्रशासकों की एक समिति के हाथों में सौंपने का आदेश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को मौखिक रूप से याद दिलाया था कि वह शीर्ष अदालत और अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) की देखरेख में तैयार किए गए संविधान के मसौदे का तब तक पालन करने के लिए बाध्य है, जब तक इसे अंतिम रूप नहीं दिया जाता।