एशिया कप 2023 से पहले टीम इंडिया का कैंप बेंगलुरु के अलूर में लगा था। इस दौरान रोहित शर्मा की अगुआई वाली टीम ने खूब पसीना बहाया। उनका फिटनेस टेस्ट हुआ। खिलाड़ियों का यो यो टेस्ट हुआ था। पूर्व कप्तान विराट कोहली ने अपना स्कोर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। इसके भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने खिलाड़ियों को स्कोर पब्लिक करने का निर्देश नहीं दिया था। लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर का मानना है कि यो-यो टेस्ट सार्वजनिक होना चाहिए। क्रिकेट फैंस को यह पता होना चाहिए कि टीम में ऐसा कोई खिलाड़ी नहीं है जो फिटनेस स्टैंडर्ड पर खरा नहीं उतरता।
सुनील गावस्कर ने मिडे डे में एक कॉलम लिखा है कि यह कॉलम एशिया कप में भारत-पाकिस्तान के बीच मैच से पहले का है। इसमें उन्होंने विराट कोहली और शुभमन गिल के यो यो टेस्ट रिजल्ट को लेकर कहा है कि दोनों की उम्र में अंतर देखते हुए विराट कोहली की तारीफ होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यो यो टेस्ट में फेल होने वाले खिलाड़ी अगर खूब रन बनाते हैं और विकेट लेते हैं तो पता चल जाएगा कि फिजिकल टेस्ट से ज्यादा क्रिकेट खेलने की क्षमता महत्वपूर्ण है।
विराट कोहली और शुभमन गिल के स्कोर पर गावस्कर की राय
सुनील गावस्कर ने अपने कॉलम में लिखा कि जब कोहली ने अपना यो यो स्कोर बताया तो इसे लेकर काफी उत्सुकता थी, जो कि बीसीसीआई ट्रेनर्स द्वारा निर्धारित लिमिट से अधिक था। इसके बाद युवा शुभमन गिल का स्कोर भी बेहतर रहा। हालांकि, यह किसी भी तरह से उनकी उपलब्धि नहीं थी। किसी को भी दोनों के बीच उम्र के अंतर को नहीं भूलना चाहिए और कोहली की अपनी फिटनेस स्टैंडर्ड के लिए प्रशंसा करनी चाहिए।
बीसीसीआई के निर्देश ने कुछ खिलाड़ियों को शर्मिंदगी से बचाया
सुनील गावस्कर ने लिखा कि इसके बाद बीसीसीआई ने निर्देश दिया कि किसी को भी अपना योयो टेस्ट स्कोर पोस्ट नहीं करना चाहिए, जिसने कुछ लोगों को शर्मिंदगी का सामना करने से बचा लिया। यदि यह सच है कि जब तक योयो टेस्ट के न्यूनतम मानक पूरे नहीं किए जाते, तब तक खिलाड़ी चयन के लिए पात्र नहीं है, तो यह टेस्ट पब्लिक डोमेन में किया जाना चाहिए ताकि खेल पर नजर रखने वाले लाखों लोगों को पता चल सके कि टीम में ऐसा कोई खिलाड़ी नहीं है जो न्यूनतम मानक को पूरा नहीं करता हो।
योयो टेस्ट में फेल खिलाड़ी रन बनाते हैं या विकेट लेते हैं तो…
सुनील गावस्कर ने कहा मान लिजिए यदि योयो टेस्ट के मानक पर खरा न उतरने वाले खिलाड़ी ढेर सारे रन बनाते हैं या बहुत सारे विकेट लेते हैं तो क्या होगा? यह साबित हो जाएगा कि हमेशा क्रिकेट की क्षमता किसी ट्रेनर द्वारा निर्धारित फिजिकल टेस्ट से अधिक महत्वपूर्ण होती है जो खुद बल्लेबाजी या गेंदबाजी नहीं करता।