स्टीव बकनर को क्रिकेट इतिहास का सबसे विवादास्पद अंपायर माना जाता है। उन्होंने 2009 में 128 टेस्ट और 181 वनडे मुकाबलों में अंपायरिंग करने के बाद संन्यास ले लिया था। उन्होंने अंपायरिंग के अपने करियर में कई गलत फैसले दिए, फिर भी लंबे समय तक आईसीसी के एलीट पैनल में शामिल रहें। बकनर ने अपने करियर के आखिरी में ज्यादा गलतियां की थीं। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया है कि 2008 में भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज के दौरान सिडनी टेस्ट में गलत फैसले दिए थे।
बकनर ने एक अखबार से बात करते हुए कहा, ‘‘मैंने 2008 में हुए सिडनी टेस्ट में दो गलतियां की थीं। पहली गलती, जब भारतीय टीम बेहतर खेल रही थी तब मैंने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज को शतक बनाने दिया था। दूसरी गलती मुकाबले के पांचवें दिन थी। इससे शायद भारत मुकाबला हार गया। क्या मैं टेस्ट मैच में दो गलती करने वाला पहला अंपायर था? इसके बावजूद ये दो गलतियां मुझे दुख पहुंचाती हैं। आपको जानना होगा कि गलतियां कैसे हुईं।’’
बकनर ने आगे कहा, ‘‘आप फिर से ऐसी ही गलतियां नहीं करना चाहते। मैं कोई बहाना नहीं दे रहा हूं, लेकिन कई बार ऐसा होता है जब हवा पिच पर बह रही होती है और आवाज हवा के साथ हो जाती है। कमेंटेटर स्टंप माइक से आवाज सुन सकते हैं, लेकिन अंपायरों को कभी-कभी पता नहीं चलता है। ये ऐसी चीजें हैं जिन्हें दर्शक नहीं जान पाएंगे।’’ बकनर ने इंशात शर्मा की गेंद पर एंड्रयू साइमंड्स के खिलाफ महेंद्र सिंह धोनी की अपील को खारिज कर दिया था। उस समय साइमंड्स 30 रन पर थे।
इसके बाद साइमंड्स ने 162 रन की पारी खेली और ऑस्ट्रेलिया की टीम 6 विकेट पर 134 रन के बाद 463 रन बनाने में सफल हो गई। इसके बाद बकनर ने राहुल द्रविड़ के खिलाफ गलत फैसला दिया था। तब टीम इंडिया 333 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही थी। भारत मैच ड्रॉ कराने के लिए लड़ रहा था। द्रविड़ का बैट गेंद की जगह पैड से लगा था। रिप्ले में भी यही दिखाई दे रहा था। उन्होंने द्रविड़ को आउट दे दिया और भारत मैच 122 रन से हार गया। इसके बाद मंकीगेट प्रकरण के कारण उन्हें तीसरे टेस्ट में अंपायरिंग करने से रोक दिया गया था।