फर्राटा धाविका हिमा दास टोक्यो ओलंपिक के लिए अभी तक क्वालीफाई नहीं कर पाने के बावजूद चिंतित नहीं हैं। उन्होंने अपनी ट्रेनिंग में साइक्लिंग और थोड़ा क्रिकेट भी शामिल किया है, जबकि तेज गर्मी से बचने के लिए सावधानी भी बरत रही हैं। कोविड-19 महामारी के कारण निकट भविष्य में कोई टूर्नामेंट नहीं है इसलिए हिमा ज्यादा जल्दबाजी में नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अभी कोई टूर्नामेंट नहीं है और हम न ही कम स्तर वाली ट्रेनिंग कर रहे हैं और न ही काफी तेज। हम सिर्फ मध्यम स्तर की ट्रेनिंनग कर रहे हैं। देखते हैं हम अपनी ट्रेनिंग को रफ्तार कब देंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यहां काफी ज्यादा गर्मी है इसलिए हम केवल सुबह ही ट्रेनिंग करते हैं। शाम में हमारे पास खाली समय होता ह तो मैं वेलोड्रोम में साइक्लिंगग भी करती हूं और यहां तक कि क्रिकेट गेंद से गेंदबाजी भी करती हूं। मैं आनंद लेने की कोशिश कर रही हूं। मेरा लक्ष्य सकारात्मक और खुश रहना है।’’ कोरोना महामारी के कारण टोक्यो ओलंपिक एक साल के लिए स्थगित हो चुके हैं और अंतरराष्ट्रीय सत्र वैश्विक स्वास्थ्य संकट के कारण 30 नवंबर तक निलंबित है।

400 मीटर में मौजूदा जूनियर विश्व चैम्पियन हिमा ने कहा, ‘‘मैं ओलंपिक क्वालीफिकेशन के बारे में चिंतित नहीं हूं, इससे केवल तनाव ही पैदा होगा। ओलंपिक के लिए अभी एक साल बाकी है। हमें इस महामारी के जल्दी से खत्म होने की प्रार्थना करनी चाहिए। फिर एक दिसंबर से एथलेटिक्स सत्र शुरू होगा और ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने के लिए अगले साल काफी समय बचा है। ’’ हिमा ने दो साल पहले फिनलैंड में विश्व जूनियर चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था।

20 साल की हिमा विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं। उनका 400 मीटर में राष्ट्रीय रिकार्ड (50.79 सेकंड) है। पिछले कुछ समय से पीठ के निचले हिस्से की चोट उन्हें काफी परेशानी कर रही हैं जिससे ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह भविष्य में 400 मीटर में नहीं दौड़ पाएंगी और उन्हें शायद 200 मीटर में ही भाग लेना होगा। इसके बारे में उन्होंने कहा, ‘‘मैं चोट से उबर रही हूं। मेरे कोच और भारतीय एथलेटिक्स महासंघ जो कुछ फैसला करेंगे, मैं वैसा ही करूंगी। वे फैसला करेंगे कि मैं किसमें हिस्सा लूंगी।’’