Snehasish Ganguly Replace Jagmohan Dalmiya’s Son Avishek Dalmiya In CAB: सौरव गांगुली के बड़े भाई स्नेहाशीष गांगुली सोमवार 31 अक्टूबर 2022 को बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) के नए अध्यक्ष बने। उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष अध्यक्ष जगमोहन डालमिया के बेटे अविषेक डालमिया से चार्ज लिया।

स्नेहाशीष गांगुली ने अध्यक्ष की कुर्सी संभालते ही टीम इंडिया के विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा से ‘घर वापसी’ का अनुरोध किया। स्नेहाशीष गांगुली के अलावा क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल के अन्य पदाधिकारियों में उपाध्यक्ष अमलेंदु विश्वास, सचिव नरेश ओझा, संयुक्त सचिव देवव्रत दास और कोषाध्यक्ष प्रबीर चक्रवर्ती होंगे। ये सभी सर्वसम्मति से चुने गए थे।

ऋद्धिमान साहा विवाद के बाद गृह राज्य (पश्चिम बंगाल) छोड़कर त्रिपुरा की टीम में चले गए थे। कैब पदाधिकारियों से तकरार के बाद अनुभवी ऋद्धिमान साहा ने खुद को राज्य की टीम के लिए ‘अनुपलब्ध’ करार दिया था। ऋद्धिमान साहा फिर त्रिपुरा से मेंटोर-कम-खिलाड़ी के तौर पर जुड़ गए थे, जिससे कैब के साथ उनका 15 साल का जुड़ाव खत्म हो गया था।

स्नेहाशीष ने कोलकाता में कैब की 91वीं वार्षिक आम बैठक में सर्वसम्मति से अध्यक्ष के रूप में चुने जाने के बाद कहा, ‘ऋद्धि बंगाल की शान है। बंगाल से सिर्फ सौरव (113) और पंकज रॉय (43) ने उनसे ज्यादा टेस्ट मैच खेले हैं। उन्होंने बंगाल को बहुत कुछ दिया है। उनके पास देने के लिए अब भी बहुत कुछ है।’

स्नेहाशीष गांगुली ने कहा, ‘हमारे अब भी रिद्धि के साथ बहुत सौहार्दपूर्ण संबंध हैं। हमें विश्वास है कि वह फिर से बंगाल के लिए खेलने के लिए लौटेंगे। अगर वह लौटते हैं तो निजी तौर पर मुझे खुशी होगी। वर्तमान में, उन्हें परेशान करना सही नहीं होगा, क्योंकि वह सीजन में व्यस्त हैं। लेकिन एक बार सीजन खत्म हो जाने के बाद, मैं कोशिश करूंगा और उनके साथ बात करूंगा। उनके लिए दरवाजा हमेशा खुले रहेंगे। हमें उनका फिर से स्वागत करने में बहुत खुशी होगी।’

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में दूसरा कार्यकाल नहीं दिए जाने के बाद सौरव गांगुली ने कैब अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने में दिलचस्पी दिखाई थी। हालांकि, बाद में यू-टर्न लेते हुए भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान ने अपने बड़े भाई के लिए रास्ता बनाया। अन्य अधिकारियों में उपाध्यक्ष अमलेंदु बिस्वास, सचिव नरेश ओझा, संयुक्त सचिव देबब्रत दास और कोषाध्यक्ष प्रबीर चक्रवर्ती सभी को भी सर्वसम्मति से चुन लिया गया।