भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने चयन समिति को प्रभावित करने के लगे आरोपों को सिरे से नकार दिया है। साथ ही उन्होंने अपने आलोचकों को भी याद दिलाया कि बीसीसीआई अध्यक्ष बनने से पहले वह मशहूर क्रिकेटर थे और 424 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेल चुके थे, जिसमें 113 टेस्ट मैच भी शामिल थे।

सौरव गांगुली ने पीटीआई के दिए साक्षात्कार में सौरव गांगुली ने अन्य मुद्दों पर अपनी राय रखी। इसमें रणजी ट्रॉफी की दो चरण में बहाली की घोषणा भी शामिल रही। सौरव गांगुली ने जोर देकर कहा कि बीसीसीआई घरेलू सत्र को फिर से शुरू करने के लिए सब कुछ करेगा।

उन्होंने यह भी खुलासा किया कि इस महीने कोलकाता में भारत और वेस्टइंडीज के बीच टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच दर्शकों के बिना कराए जाएंगे। यहां गौर करने वाली बात यह है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने 75 फीसदी क्षमता के साथ दर्शकों के स्टेडियम में प्रवेश की छूट दे दी है।

चयन समिति को प्रभावित करने और चयनकर्ताओं पर दबाव डालने के लिए बैठकों में हिस्सा लेने के आरोपों पर सौरव गांगुली ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि मुझे किसी को इस पर जवाब देने की जरूरत है। इन आधारहीन आरोपों में से किसी को भी अहम बनाने की जरूरत नहीं है। मैं बीसीसीआई अध्यक्ष हूं। बीसीसीआई अध्यक्ष को जो काम करना चाहिए, वह करता हूं।’

उन्होंने कहा, ‘आपको यह भी बता दूं, मैंने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर देखी, जिसमें दिखाया जा रहा था कि मैं चयन समिति की बैठक में हिस्सा ले रहा हूं। मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि वह तस्वीर (जिसमें गांगुली, जय शाह, कप्तान विराट कोहली और संयुक्त सचिव जयेश जॉर्ज बैठे हैं) चयन समिति की बैठक की नहीं थी। जयेश जॉर्ज चयन समिति का हिस्सा नहीं हैं। मैं भारत के लिए 424 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुका हूं। कभी कभार लोगों को यह याद दिलाने का विचार बुरा नहीं है।’

जय शाह से रिश्तों पर गांगुली ने कहा, ‘जय के साथ मेरा शानदार रिश्ता है। वह अच्छा मित्र है और विश्वासपात्र सहयोगी है। हमने (मैं, जय, अरुण धूमल और जयेश जॉर्ज) पिछले दो वर्षों विशेषकर कोविड-19 के मुश्किल दौर में बोर्ड को आगे ले जाने में मिलकर काम कर रहे हैं। मैं कहूंगा कि ये दो साल शानदार रहे।’