दुनिया के हर गेंदबाद का यह सपना होता है कि वह 100 मील प्रति घंटे (160.934 किलोमीटर प्रति घंटे) की स्पीड से गेंदबाजी करे। इस आंकड़े को सबसे पहले पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने छुआ था। उन्होंने आज ही के दिन यानी 27 अप्रैल को 2002 में न्यूजीलैंड के खिलाफ लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में 161.3 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से गेंद की थी। तब सामने बल्लेबाज के तौर पर क्रेग मैकमिलन थे। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने इस रिकॉर्ड बुक में दर्ज करने से मना कर दिया था। इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी है।

दरअसल, पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच हुए मैच में स्पीड मापने वाली मशीन को एक प्राइवेट कंपनी ने लगाया था। वह उस मुकाबले में स्पांसर भी था। इस कारण आईसीसी ने उसे रिकॉर्ड बुक में शामिल नहीं किया। नियम के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय मैचों में स्पीड मापने वाली मशीन आईसीसी के तरफ से लगाई जाती है। पाकिस्तान ने उस मैच में 5 विकेट पर 278 रन बनाए थे। इसके जवाब में न्यूजीलैंड की टीम 212 रनों पर सिमट गई थी। पाकिस्तान 66 रनों से जीता था।

इस विवाद के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने बयान जारी किया था। उसने कहा था, ‘‘स्पांसर द्वारा लगाए गए स्पीड गन के मुताबिक, शोएब अख्तर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम पर खेले गए तीसरे वनडे में एक गेंद 161 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से फेंकी थी।’’ हालांकि, अख्तर की गेंद रिकॉर्ड बुक में दर्ज नहीं हुई। इसके बाद अगले साल ही उन्होंने 100 मील प्रति घंटे के आकंड़े को दुबारा से छू लिया। उन्होंने यह कीर्तिमान इंग्लैंड के खिलाफ 2003 वर्ल्ड कप में स्थापित किया था।

अख्तर ने केपटाउन के न्यूलैंड्स स्टेडियम पर 22 फरवरी 2003 को इंग्लैंड के खिलाफ ग्रुप-ए के मैच में 161.3 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गेंद की थी। उन्होंने इसके बाद कहा था, ‘‘मुझे फर्क नहीं पड़ता कि गेंद को स्पीड गन से मापा गया या नहीं। मेरे लिए बस इतना मायने रखता है कि मैं दुनिया का सबसे तेज गेंद फेंकने वाला गेंदबाज हूं।’’ इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज ब्रेट ली और शॉन टेट उनके नजदीक पहुंचे, लेकिन रिकॉर्ड नहीं तोड़ सके। मिशेल स्टार्क तो सिर्फ 0.3 मील प्रति घंटा पीछे रहे थे। अख्तर ने अंतरराष्ट्रीय करियर में 444 विकेट लिए।