शिखर धवन ने भारतीय टीम के लिए अब तक इंटरनेशनल क्रिकेट में कुल 24 शतक लगाए हैं। वनडे में उनके नाम 17 और टेस्ट में 7 शतक हैं। 24 शतकों में धवन 2015 में श्रीलंका के खिलाफ गाले में 134 रन की पारी को बेस्ट मानते हैं। इसका कारण उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था। धवन ने कहा था कि उन्होंने फ्रैक्चर हुए हाथ से शतकीय पारी खेली थी। इसलिए ये उनकी सबसे यादगार पारी है।
धवन ने वीयू इंडिया यूट्यूब चैनल के शो व्हाट द डक के लिए विक्रम साठये को इंटरव्यू दिया था। इस दौरान उनके साथ तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार भी मौजूद थे। धवन ने श्रीलंका में कुल तीन शतक लगाए हैं। उन्होंने 2017 के दौरे के बारे में बताया, ‘‘मैं तो छुट्टियां मनाने के लिए हॉन्गकॉन्ग गया था। वहां से मुझे बुलाया गया था। मुरली विजय की चोट ठीक नहीं हो पाई थी। मैं उनके रिकवर के तौर पर गया था। मुझे लगा था कि मैं तो पहले टेस्ट में नहीं खेलूंगा, क्योंकि अभिनव मुकुंद और केएल राहुल टीम में थे। मैच से पहले केएल बीमार पड़ गया था। इस पर मुझे मुौका मिल गया। मैंने गाले में फिर 190 रनों की पारी खेली। दूसरे मैच में भी सेंचुरी लगाई थी।’’
धवन ने आगे बताया, ‘‘श्रीलंका में मेरी सबसे यादगार पारी उससे पिछले दौरे की है। तब गाले में मैंने शतक लगाया था। वहां टेस्ट मैच के पहले सेशन में मुझे चोट लगी थी।’’ धवन ने भुवनेश्वर पूछा कि क्या मैंने आपकी गेंद पर कैच छोड़ी थी। तो भुवी ने कहा था, ‘‘नहीं मेरी गेंद पर नहीं वरुण एरॉन की गेंद पर छोड़ी थी। मेरी गेंद पर इन्होंने दक्षिण अफ्रीका में कैच छोड़ा था, जब मेरे 5 विकेट पूरे नहीं हो पाए थे।’’
धवन ने आगे कहा, ‘‘मेरा हाथ फ्रैक्चर हो गया था। मैं फिर मैदान पर गया तो विराट कोहली से कहा कि मुझे पीछे कही फील्डिंग के लिए लगा दो। इसके बाद टूटे हुए हाथ से सेंचुरी लगाई थी। इसलिए यह मेरे लिए काफी यादगार है।’’ धवन ने न्यूजीलैंड दौरे की भी एक कहानी सुनाई। उन्होंने कहा, ‘‘दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मेरा दौरा ठीक नहीं गया था। इसके बाद हम न्यूजीलैंड गए थे। न्यूजीलैंड में बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव था।’’
धवन ने आगे कहा, ‘‘मैंने वहां एक मैच में अर्धशतक लगाया था। उसके बाद 93 पर पहुंचा तो छक्का मारा। मुझे पता था कि 99 पर पहुंचा हूं, लेकिन कोहली ने कहा कि शतक हो गया है। फिर मैंने जश्न मनाना शुरू कर दिया। मैदान पर यह अनाउंस हुआ कि मैं 99 पर पहुंचा हूं तो मैंने कोहली से कहा कि करवा दी न बेइज्जती। फिर वो हंसने लगा।’’