श्रीलंका के साथ खेले गए तीसरे और आखिरी टी20 मुकाबले में सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने कमाल की बल्लेबाजी की। तेज तर्रार अर्धशतक के बाद धवन ने कहा कि वह फिर से बतौर सलामी बल्लेबाज टीम में जगह को लेकर रेस में आ गए हैं। इसके बाद उन्होंने सलामी बल्लेबाजी की फैसले को लेकर कहा कि यह मेरा नहीं बल्कि टीम प्रबंधन का सिरदर्द है।
धवन के टी20 फॉर्मेट में फार्म में लौटने से भारतीय टीम प्रबंधन और कप्तान विराट कोहली के सामने सिरदर्द होगा कि वे फार्म में चल रहे तीन सलामी बल्लेबाजों – लोकेश राहुल और रोहित शर्मा – में किसका चयन करें। बहरहाल, आस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप से पहले यह टीम के लिये अच्छी चीज है। भारतीय उप कप्तान रोहित शर्मा ने श्रीलंका श्रृंखला में आराम लेने का फैसला किया था जिससे धवन ने दो मौकों का फायदा उठाया और इंदौर में 32 रन के बाद शुक्रवार की रात पुणे में 52 रनों की पारी खेली।
सलामी बल्लेबाजों की दौड़ के बारे में पूछने पर धवन ने कहा, ‘‘सभी तीन खिलाड़ी (रोहित, लोकेश और मैं) अच्छा कर रहे हैं। रोहित ने 2019 में शानदार प्रदर्शन किया। राहुल पिछले एक दो महीने से बेहतरीन कर रहा है और वह अच्छा खिलाड़ी हैं और मैं भी पिक्चर में आ गया हूं, मैंने भी आज अच्छा कर दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘तो पिक्चर अच्छी बन रही है अभी, खैर ये सरदर्दी मेरी नहीं है। इसलिये मैं इसके बारे में नहीं सोचता क्योंकि यह चीज मेरे हाथों में नहीं है।मेरे हाथों में प्रदर्शन करना और अच्छा खेलना है। धवन ने शुक्रवार की रात मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों से कहा कि मैं खुश हूं और संतुष्ट हूं कि मुझे दो मौके मिले और इनका फायदा उठाया।
बाकी कोचों और कप्तान के ऊपर है, तो उनकी सरदर्दी मैं क्यूं लूं? दिल्ली के बल्लेबाज को लगता है कि बायें हाथ का बल्लेबाज होना उनके लिये अच्छा है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से बाएं हाथ का बल्लेबाज होना फायदेमंद है क्योंकि इससे गेंदबाजों की लाइन एवं लेंथ में खलल पड़ता है और इसका अपना असर पड़ता है। ( एजेंसी इनपुट के साथ)
