भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व क्रिकेटर व कमेंटेटर संजय मांजरेकर का मानना है कि 2023 वनडे वर्ल्ड कप फाइनल के दवाब ने भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रक्षात्मक रुख अपनाने के लिए मजबूर किया होगा। मांजरेकर ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने भारत की बल्लेबाजी लाइनअप की कमजोरियों का कुशलतापूर्वक फायदा उठाया और फाइनल मैच में 6 विकेट से जीत दर्ज की साथ ही अपना छठा वर्ल्ड कप खिताब जीता।
बल्लेबाजी में गहराई ने भारत को दवाब में ला दिया
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच फाइनल मुकाबला अहमदाबाद में खेला गया था और इस मैच में टीम के ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या नहीं खेले थे और उनकी अनुपस्थिति ने भारत की बल्लेबाजी की गहराई की कमी को साफ तौर पर उजागर कर दिया। इस मैच में भारत की आधी टीम 36वें ओवर तक आउट हो गई थी और उसके बाद टीम इंडिया 240 रन ही बना पाई और जीत के लिए 241 रन का आसान टारगेट कंगारू टीम के सामने रखा। संजय मांजरेकर ने स्टार स्पोर्ट्स के साथ बात करते हुए कहा कि भारत ने बल्लेबाजी में गहराई नहीं होने का दवाब महसूस किया और भारत की जो सुरक्षा कवच थी उसकी छोटी-मोटी खामियां सामने आ गई।
इस वर्ल्ड कप में बांग्लादेश के खिलाफ चौथे लगी मैच में हार्दिक पांड्या चोटिल हो गए और उनके बाहर होने के बाद टीम इंडिया ने अपनी प्लेइंग इलेवन में दो बदलाव किए और टीम में सूर्यकुमार यादव और मोहम्मद शमी की एंट्री हुई। शमी के जुड़ने से भारत की गेंदबाजी लाइनअप काफी मजबूत हो गई, लेकिन सूर्यकुमार यादव ने पूरे विश्व कप के दौरान संघर्ष किया और 7 पारियों में सिर्फ 106 रन बनाए और उनका औसत 17.67 का था जबकि स्ट्राइक-रेट 100.95 था जो उनका खराब प्रदर्शन को जाहिर करता है।
मांजरेकर ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि बल्लेबाजी में गहराई नहीं थी और आपने देखा कि केएल राहुल ने ज्यादातर पारी इस सोच के साथ खेली कि अब ज्यादा बल्लेबाजी नहीं करनी है। खैर, भारत की अपनी कुछ सीमाएं थीं जिन्हें इस टीम ने पूरे टूर्नामेंट में खूबसूरती से कवर किया जिसमें रविंद्र जडेजा सातवें नंबर पर थे और उनकी बल्लेबाजी छठे नंहर पर ही खत्म हो जाती थी। फाइनल के दवाब में भारतीय टीम पूरी तरह से समर्पण की स्थिति में आ गई, लेकिन अगर यह एक लीग मैच होता तो भारत अलग तरीके से खेलता।