अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन और शतकों का शतक लगाने वाले सचिन तेंदुलकर को दो इच्छाएं नहीं पूरी होने का आज भी मलाल है और दुनिया के सर्वकालिक महानतम बल्लेबाजों में से एक सचिन को यह पछतावा जिंदगी भर रहेगा। सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट डॉटकॉम से बातचीत के दौरान अपने बचपन के हीरोज सुनील गावस्कर और सर विविनय रिचर्ड्स को लेकर भी बड़ी बात कही।
सचिन तेंदुलकर दुनिया के इकलौते क्रिकेटर हैं, जिन्हें 100 अंतरराष्ट्रीय शतक लगाने और 200 टेस्ट मैच खेलने का गौरव हासिल है। सचिन तेंदुलकर का करियर उपलब्धियों से भरा रहा है, इसके बावजूद उन्हें अपने करियर में दो चीज की कमी आज भी खलती है। सचिन तेंदुलकर ने बताया, ‘मुझे आज भी दो पछतावे हैं। पहला यह कि मैं कभी सुनील गावस्कर के साथ नहीं खेल पाया। मैं जब बड़ा हो रहा था, उस समय सुनील गावस्कर मेरे बल्लेबाजी हीरो थे। उन्हें देखते हुए ही मैंने क्रिकेट खेलना सीखा था। उनके साथ नहीं खेल पाने का मुझे आज भी मलाल है। मेरे डेब्यू करने से कुछ साल पहले उन्होंने संन्यास ले लिया था।’
अपनी दूसरी इच्छा पूरी नहीं के बारे में बताते हुए सचिन तेंदुलकर ने कहा, ‘मैं भाग्यशाली था कि काउंटी क्रिकेट में मुझे अपने बचपन के हीरो सर विवियन रिचर्ड्स के साथ खेलने का मौका मिला, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कभी भी उनके साथ नहीं खेल पाया।’ सचिन ने कहा, ‘मेरा दूसरा पछतावा अपने बचपन के हीरो सर विवियन रिचर्ड्स के खिलाफ नहीं खेलना है।’
सचिन ने कहा, ‘मैं भाग्यशाली हूं कि काउंटी क्रिकेट में उनके खिलाफ खेलने का मौका मिला, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मैच में उनके खिलाफ नहीं खेल पाने का अब भी मलाल है। सर रिचर्ड्स ने 1991 में संन्यास लिया था। हमारे करियर में कुछ साल ओवरलैपिंग के बाद भी हमें एक-दूसरे के खिलाफ खेलने का मौका नहीं मिला।’
नवंबर 1989 में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने वाले सचिन तेंदुलकर ने 2013 में संन्यास लिया था। उन्होंने भारत के लिए 200 टेस्ट मैच खेले और 15,921 रन बनाए। उन्होंने 463 वनडे में भारतीय क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया और 18426 रन बनाए। क्रिकेट के दोनों फॉर्मेट्स (वनडे और टेस्ट) में अब भी सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर के नाम दर्ज है।