पृथ्वी शॉ डोपिंग में फंसने के कारण पिछले साल ज्यादातर समय क्रिकेट से दूर रहे। न्यूजीलैंड दौरे पर उनकी वापसी हुई। रोहित शर्मा के घायल होने के कारण उन्हें दोनों टेस्ट मैच और तीन वनडे मैचों में खेलने का मौका भी मिला। हालांकि, वे वैसा प्रदर्शन नहीं कर पाए, जैसा उन्होंने 2018 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने डेब्यू टेस्ट मैच में किया था। उन्होंने वनडे में क्रमशः 20, 24 और 40 रन बनाए। वहीं, टेस्ट की चारों पारियों में कुल 98 रन बना पाए। न्यूजीलैंड दौरे पर अन्य भारतीय बल्लेबाजों की तरह उन्हें भी शॉर्ट पिच गेंदों ने परेशान किया। पृथ्वी भी उनसे अलग नहीं रहे। उन्होंने भी शॉर्ट पिच गेंदों पर विकेट गंवाए।
शॉर्ट पिच गेंदों का वे अच्छे से सामना क्यों नहीं कर पाए, इसका राज उन्होंने अब खोला है। क्रिकेट वेबसाइट क्रिकबज को दिए इंटरव्यू में पृथ्वी ने बताया, न्यूजीलैंड में, हमारे खिलाफ बहुत शॉर्ट गेंदें फेंकी गईं। मैं इसके लिए तैयार था, क्योंकि बहुत से गेंदबाजों ने मुझे शॉर्ट-पिच गेंदें फेंकी हैं। मुझे मालूम था कि आगे भी मुझे शॉर्ट-पिच गेंदें फेंकी जाएंगी।
शॉ के मुताबिक, मेरे खेल का सबसे मजबूत हिस्सा मेरा बैकफुट है। इससे मुझे छोटी गेंदों को खेलने में मदद मिलती है। हालांकि, कभी-कभी ऐसा होता है कि उस क्षेत्र में भी अच्छा नहीं कर पाते हैं, जो आपका पसंदीदा होता है। मैं शॉर्ट पिच गेंदों को छोड़कर थोड़ा बेहतर कर सकता हूं। उस दौरे पर, मैं डबल माइंड हो गया था, मेरे दिमाग में था कि उन्हें छोड़ूं या उन्हें खेलूं। अगली बार, यदि कोई शॉर्ट गेंद आती है, तो मैं उसे स्थिर दिमाग से खेलूंगा।
पृथ्वी शॉ ने टेस्ट डेब्यू में शतक लगाया था। उन्होंने अब तक 4 टेस्ट मैच में 55.83 के औसत से 335 रन बनाए हैं। उन्होंने इस साल न्यूजीलैंड दौरे पर वनडे डेब्यू किया था। उन्होंने अब तक 3 वनडे में 28.00 के औसत से 84 रन बनाए हैं।
कोरोना वायरस के कहर के कारण दुनिया के 200 से ज्यादा देशों में लॉकडाउन है। पृथ्वी शॉ इस अनचाहे ब्रेक से बिल्कुल भी खुश नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मेरी वापसी के बाद सब कुछ पटरी पर लौट रहा था, लेकिन कोविड 19 महामारी ने उस लय को तोड़ दिया। हालांकि, आपको अपने देश के साथ खड़ा होना है। आपको सुरक्षित रहने के लिए घर पर ही रहना होगा। सब कुछ सही होता तो मैं इस वक्त आईपीएल में खेल रहा होता। मैं उन चीजों को मिस कर रहा हूं.. वास्तव में क्रिकेट को मिस कर रहा हूं।’