हैदराबाद के बल्लेबाज इशान किशन मुंबई इंडियंस के खिलाफ आईपीएल 2025 के 41वें मैच में जिस तरह से आउट हुए वो अपने आप में बड़ा आश्चर्य ही था। अंपायर ने ये विकेट मुंबई को गिफ्ट कर दिया क्योंकि इशान को दीपक चाहर बॉलिंग कर रहे थे और वो जिस गेंद पर आउट हुए उसके लिए किसी ने भी इशान के खिलाफ अपील नहीं की थी। इशान ने लेग साइड में जा रही गेंद को सिर्फ खेलने की कोशिश की और अंपायर ने अपनी अंगुली उठा दी। अंपायर के फैसले से मुंबई के खिलाड़ी हैरान नजर आए तो वहीं इशान ने भी डीआरएस लेने की कोशिश नहीं की, क्योंकि उन्हें भी लगा कि वो शायद आउट हैं।
सिद्धू ने अंपायर के फैसले पर उठाए सवाल
इशान के पवेलियन लौटने के बाद अल्ट्राएज से पता चला कि भाई, उनका बल्ला तो गेंद से टकराया ही नहीं थी और इशान भी डगआउट में लौट जाने के बाद काफी परेशान नजर आए थे। इशान के इस तरह से आउट होने के बाद वीरेंद्र सहवाग और नवजोत सिंह सिद्धू ने इस पर अपनी राय दी। सिद्धू ने मुंबई के खिलाड़ियों के द्वारा अपील नहीं किए जाने के बावजूद अंपायर के आउट देने के फैसले के लिए अंपायर को दोषी ठहराया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि मुसीबत मोल लेना आसान है… क्या आपने कभी किसी अंपायर को बिना अपील के किसी को आउट करार देते देखा है।
सहवाग ने कहा- इशान को करना चाहिए था इंतजार
सहवाग ने भी इशान की ईमानदारी पर सवाल उठाए और फिर उन्हें याद दिलाया कि उन्हें अंपायर की भूमिका निभाने के लिए पैसे नहीं मिल रहे हैं। इसे दिमाग की कमी बताते हुए सहवाग ने कहा कि अगर ईशान अंपायर के फैसले का इंतजार करते तो मुंबई रिव्यू का विकल्प चुनती जिससे साफ पता चलता कि वह आउट नहीं थे। इशान ने मुंबई के खिलाफ 4 गेंदों पर एक रन बनाए थे।
क्रिकबज पर सहवाग ने कहा कि कई बार ऐसे समय पर दिमाग काम करना बंद कर देता है। यह दिमागी कमजोरी थी, रुक तो जा, अंपायर भी पैसे ले रहे हैं। उसे अपना काम करने दो। मैं इस ईमानदारी को समझ नहीं पाया। अगर यह एज होता तो यह समझ में आता क्योंकि यह खेल भावना के अनुरूप होता, लेकिन यह न तो आउट था, न ही अंपायर को यकीन था और आप अचानक से मैदान छोड़कर चले गए। तब अंपायर भी दुविधा में पड़ जाता है। रॉकी पोंटिंग कहते थे कि मेरा काम बल्लेबाजी करना है, अंपायर का काम आउट पर फैसला देना है।