भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कुछ फैसले ऐसे होते हैं, जो न केवल एक खिलाड़ी की किस्मत बदल देते हैं, बल्कि पूरे खेल के रुख को ही मोड़ देते हैं। ऐसा ही एक ऐतिहासिक फैसला था रोहित शर्मा को टेस्ट क्रिकेट में मिडिल ऑर्डर से ओपनर बनाने का। इस फैसले के पीछे की कहानी हाल ही में पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री ने संजना गणेशन के साथ साझा की। रवि शास्त्री ने बताया कि कैसे उनकी एक सूझबूझ ने रोहित को टेस्ट क्रिकेट में विश्व स्तरीय ओपनर बनाया और भारतीय टीम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
मिडिल ऑर्डर में बोरियत
रोहित शर्मा ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज के रूप में की थी। लेकिन नंबर चार या पांच पर बल्लेबाजी करते हुए वह अक्सर अपनी लय खो देते थे। शास्त्री ने बताया कि चार या पांच नंबर पर बल्लेबाजी करते समय रोहित बोर हो जाते थे। वह 20-30 रन बनाकर अपनी विकेट गंवा देते थे। दूसरी ओर वनडे क्रिकेट में रोहित का प्रदर्शन शानदार था। वह पारी की शुरुआत में आक्रामक अंदाज में खेलते और गेंदबाजों पर हावी हो जाते।
2019 के विश्व कप में रोहित ने पांच शतकों के साथ 648 रन बनाए और टूर्नामेंट के सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बने। उनकी इस फॉर्म को देखकर शास्त्री के दिमाग में एक विचार आया। उन्होंने सोचा कि अगर रोहित वनडे में इतने सफल हैं तो क्यों न उन्हें टेस्ट में भी ओपनिंग का मौका दिया जाए? उनके पास तेज गेंदबाजों का सामना करने की तकनीक और शॉट्स हैं। टेस्ट में फील्ड अप होती है, जिसका वह फायदा उठा सकते हैं।
विराट कोहली से चर्चा और नया प्रयोग
शास्त्री ने इस विचार को तत्कालीन कप्तान विराट कोहली के साथ साझा किया। 2019 में वेस्टइंडीज दौरे के दौरान शास्त्री ने रोहित से कहा, “हम चाहते हैं कि तुम ओपनिंग करो।” रोहित ने इस विचार पर थोड़ा सोचा और वह इसके लिए तैयार हो गए। शास्त्री ने बताया, “वह उस समय शानदार फॉर्म में थे, विश्व कप में उनका प्रदर्शन लाजवाब था।”
तकनीक पर मेहनत और इंग्लैंड में चमक
रोहित की सफलता का राज केवल उनकी प्रतिभा नहीं, बल्कि उनकी मेहनत और तकनीकी सुधार भी था। शास्त्री ने बताया कि रोहित ने अपनी बल्लेबाजी में काफी काम किया, खासकर इंग्लैंड जैसे चुनौतीपूर्ण हालात में। “इंग्लैंड में आपको अलग तरह से खेलना पड़ता है। वहां आपको गेंद को छोड़ने की कला और सॉफ्ट हैंड्स के साथ खेलने की जरूरत होती है। रोहित ने इस पर बहुत मेहनत की।”
रोहित ने इंग्लैंड में अपनी तकनीक को इतना निखारा कि वहां उनकी बल्लेबाजी को शास्त्री ने उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन बताया। उनकी ओपनिंग ने न केवल भारत को मजबूत शुरुआत दी, बल्कि कई मैचों में जीत की नींव भी रखी।