वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल से पहले भारतीय फैंस को रोहित शर्मा से एकबार फिर ढेर सारी उम्मीदें हैं, क्योंकि रोहित ने इस विश्व कप में जिस अंदाज में बल्लेबाजी की है वह काबिल ए तारीफ है। रोहित ने टॉप ऑर्डर में जोखिम भरी बल्लेबाजी से टीम को अच्छी शुरुआत दिलाने का जिम्मा अपने कंधों पर लिया है। एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, रोहित ने इसकी शुरुआत एशिया कप के बाद कर दी थी। उन्होंने एशिया कप खत्म होने के बाद एक टीम मीटिंग में यह प्रस्ताव रखा था कि वह आगामी विश्व कप में डिफेंसिव खेल को छोड़ अग्रेसिव क्रिकेट खेलेंगे।

विश्व कप से पहले यह था रोहित का प्लान

रोहित टी20 वर्ल्ड कप के दौरान ही इस बल्लेबाजी शैली को अपनाना चाहते थे, लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली। फिर मौका घरेलू मैदान पर वनडे विश्व का आया और उन्होंने इस योजना को यहां लागू भी किया और उसमें सफलता भी हासिल की। रोहित ने इस स्ट्रैटजी को अपनाने से पहले टीम के साथियों से कहा था कि वह इस विश्व कप में कप्तान के रूप में पारी की दिशा को तय करेंगे ताकि दूसरे खिलाड़ी अपना स्वभाविक खेल खेल पाएं। हालांकि रोहित ने इस दौरान एक शर्त यह भी रखी थी कि अगर इस योजना में सफल नहीं हुआ तो फिर पुराने तरीके से ही खेलूंगा।

55 की औसत और 124.15 की स्ट्राइक रेट से खेले हैं रोहित

रोहित शर्मा की इस प्लानिंग को हेड कोच राहुल द्रविड़ ने खुले दिल से अपनाया। टूर्नामेंट में रोहित शर्मा सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में 5वें स्थान पर हैं। इस दौरान रोहित का औसत 55 का और स्ट्राइक रेट 124.15 का रहा जो कि विश्व कप के टॉप 10 बल्लेबाजों में सबसे तेज है। टीम इंडिया विश्व कप 2023 में अजेय रही है और रोहित शर्मा का हर मैच में बल्ले से अहम योगदान रहा है।

हिटमैन की इस अप्रोच से अन्य बल्लेबाजों को भी मिला फायदा

रोहित शर्मा की अग्रेसिव बल्लेबाजी का असर अन्य बल्लेबाजों के प्रदर्शन पर भी पड़ा। सभी 10 मैचों में रोहित ने अग्रेसिव शुरुआत टीम को दिलाई। इससे फायदा यह हुआ कि बाद में बैटिंग करने आने वाले विराट कोहली, श्रेयस अय्यर और केएल राहुल को सेट होने के लिए समय मिला, जिसके बाद उन्होंने लंबी पारियां भी खेली। विश्व कप में भारत ने पहले 5 मैच लक्ष्य का पीछा करते हुए और बाद के 5 मैच पहले बल्लेबाजी करते हुए जीते। सभी में रोहित के अलावा शुभमन गिल, विराट कोहली, श्रेयस और राहुल ने अच्छी बल्लेबाजी की।