भारत के एकदिवसीय कप्तान रोहित शर्मा शनिवार (30 आगस्त) को बेंगलुरु के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CoE) में प्री-सीजन फिटनेस टेस्ट से गुजरने वाले सात खिलाड़ियों में शामिल होंगे। रोहित के साथ-साथ टेस्ट कप्तान शुभमन गिल, जसप्रीत बुमराह, वाशिंगटन सुंदर, यशस्वी जायसवाल, मोहम्मद सिराज और शार्दुल ठाकुर का यो-यो टेस्ट होगा। प्री-सीजन टेस्ट के दौरान हड्डियों की जांच के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला डेक्सा स्कैन और ब्लड टेस्ट भी किए जाएंगे।

रोहित शर्मा की तरह से टेस्ट और टी20 से संन्यास ले चुके विराट कोहली को लेकर यह स्पष्ट नहीं है कि वह कब फिटनेस टेस्ट देंगे। मई में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा के बाद यह पहली बार है जब रोहित फिटनेस टेस्ट से गुजरेंगे। 38 वर्षीय रोहित और 36 वर्षीय कोहली की निगाहें 50 ओवर के विश्व कप पर होंगी, लेकिन इसमें अभी दो साल बाकी हैं।

सभी खिलाड़ियों का होगा फिटनेस टेस्ट

इंडियन एक्सप्रेस से बीसीसीआई पदाधिकारी ने कहा, “सभी खिलाड़ियों को प्री-सीजन फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा। अनुबंध के अनुसार यह अनिवार्य है। ये टेस्ट सीओई को यह समझने में मदद करते हैं कि खिलाड़ियों को किन क्षेत्रों में काम करना है या उनमें क्या कमी है। चूंकि इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के बाद एक बड़ा ब्रेक था, इसलिए खिलाड़ियों को घर पर ही कुछ व्यायाम करने को कहा गया था।”

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सूर्यकुमार, हार्दिक और कुलदीप दे चुके हैं फिटनेस

भारत के टी20 कप्तान सूर्यकुमार यादव पहले ही फिटनेस टेस्ट दे चुके हैं। साथ ही ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या और स्पिनर कुलदीप यादव भी फिटनेस टेस्ट दे चुके हैं। भारतीय ओपनर बल्लेबाज रोहित शर्मा ने इंस्टाग्राम पर भारतीय टीम के पूर्व सहायक कोच अभिषेक नायर के साथ जिम में अपनी एक तस्वीर पोस्ट की थी। नायर ने इसे रीपोस्ट करते हुए कैप्शन दिया: “शुरू हो गया।”

अभिषेक नायर के साथ रोहित शर्मा ने की ट्रेनिंग

रोहित शर्मा इस महीने की शुरुआत में इंग्लैंड से लौटने के बाद से नायर के साथ ट्रेनिंग की। रोहित ने पिछले साल टी20 विश्व कप में भारत को जीत दिलाने के बाद टी20 अंतरराष्ट्रीय और फिर इंग्लैंड में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज से पहले टेस्ट मैचों से संन्यास ले लिया था।

फिटनेस टेस्ट क्यों जरूरी

भारत अगला वनडे मैच अक्टूबर में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेलेगा। भारतीय टीम के पूर्व स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच सोहम देसाई ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बताया था कि ये फिटनेस टेस्ट क्यों महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, “देखिए, हम अपने मूल्यांकन के लिए ये टेस्ट (यो यो, स्प्रिंट, पावर, डेक्सा) लेते हैं। इससे हमें एथलीट की स्थिति का अंदाजा लगाने में मदद मिलती है। पेशेवर तौर पर हमारी जिम्मेदारी है कि हम टीम के फिटनेस मानकों की समीक्षा करने के बाद ऐसे मानक पेश करें जो चुनौतीपूर्ण तो हों, लेकिन हासिल करने योग्य भी हों।” भारतीय टीम के वर्तमान स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच एड्रियन ले रॉक्स ने भी रग्बी-केंद्रित ब्रोंको टेस्ट की सिफारिश की थी, जिसे बीसीसीआई पदाधिकारी के अनुसार बाद में सत्र में पेश किया जाएगा।