टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ठगी का शिकार हो गए हैं। हरियाणा के एक क्रिकेटर ने महंगी घड़ियों को अच्छी कीमत पर दिलाने के नाम पर उनको चूना लगा दिया है। हरियाणा के लिए खेलने वाले मृणांक सिंह पहले से ही मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद है। एक व्यापारी ने उसके खिलाफ सस्ती दर पर महंगी घड़ियां और मोबाइल फोन देने की पेशकश कर ठगी करने की शिकायत दर्ज कराई थी।
पंत को बाउंस चेक के माध्यम से 1.63 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया है और उनके प्रबंधक पुनीत सोलंकी ने मृनांक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। उनके वकील एकलव्य द्विवेदी ने घटना के बारे में जानकारी दी और कहा कि वह मृणांक से जोनल क्रिकेट अकादमी शिविर में मिले थे। स्पोर्ट्स तक से द्विवेदी ने बताया, “यह मूल रूप से नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट (Negotiable Instruments Act) के तहत एक मामला है। आरोपी मृणांक सिंह की ओर से जारी किया गया चेक अपर्याप्त धनराशि के कारण अमान्य हो गया। मृणांक सिंह ने मेरे मुवक्किल ऋषभ पंत से जोनल क्रिकेट अकादमी कैंप में कहीं मिले थे।”
एकलव्य द्विवेदी ने आगे बताया, ” 2021 में मृणांक सिंह ने मेरे मुवक्किल से झूठ बोला कि उन्होंने अभी-अभी लक्जरी वस्तुओं का नया व्यवसाय शुरू किया है और वह इन चीजों से कम कीमत में खरीद कर सकता है। इस प्रस्ताव पर ऋषभ पंत ने मृणांक सिंह को एक बड़ी धनराशी ट्रांसफर कर दिया। उन्होंने आभूषण जैसे महंगे लग्जरी आइटम भी मृणांक को दिया, ताकि वह उनको बेचकर भारी मुनाफा दे सकें।”
एकलव्य ने यह भी कहा, “मामला बढ़ने के हमने उसे कानूनी नोटिस दिया और 1.63 करोड़ रुपये लौटाने को लेक आपसी समझौता हुआ। मृणांक सिंह ने हमें एक चेक जारी किया। जब हमने इस चेक को बैंक अधिकारियों के सामने पेश किया, तो हमें अपर्याप्त धनराशि के कारण चेक बाउंस होने का रिटर्न मेमो मिला।”
द्विवेदी ने कहा कि ब्याज के साथ यह रकम बढ़कर 1.8 से 1.9 करोड़ रुपये तक हो गई है। फरवरी 2021 में चेक बाउंस हुआ था। 19 जुलाई को मामले की सुनवाई होगी। वह पिछली सुनवाई मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश नहीं हुए था। इसलिए, मजिस्ट्रेट ने वहां के एसएचओ को निर्देश दिया है कि सुनवाई की अगली तारीख पर उसे वर्चुअली उपस्थिक करे। हमने अंतरिम मुआवजे के लिए धारा 143ए के तहत अर्जी भी दाखिल की है।