Rio Olympics 2016 अपने आखिरी दौर में है और भारत की झोली में अब तक एक भी मेडल नहीं आया है। बैडमिंटन प्‍लेयर पीवी सिंधु ने कुछ उम्‍मीदें जगाई हैं, लेकिन खेलों के इस सबसे बड़े महाकुंभ में पहुंचे करीब-करीब सभी भारतीय दिग्‍गज हारकर कंपटीशन से बाहर हो चुके हैं। सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर क्‍यों 125 करोड़ लोगों के इस देश में अच्‍छे टैलेंट होने के बाद पदक की हसरतें अधूरी रह जाती हैं। समीक्षा की जाए तो कई बड़े कारण उभरकर सामने आएंगे, लेकिन फिलहाल डिटेल्‍स में जाने की जरूरत नहीं। नीचे देखें वर्ल्‍ड रिकॉर्ड्स के मुकाबले भारतीय आंकड़ों की तुलना। आप खुद समझ जाएंगे कि एथलेटिक्‍स में हम दूसरे देशों से कितने दशक पीछे हैं

100 मीटर स्‍प्र‍िंट: 2010 में भारत के अब्‍दुल नजीब कुरैशी ने 10.30 सेकंड का नेशनल रिकॉर्ड बनाया था। यह 1930 में बना वर्ल्‍ड रिकॉर्ड था। फिलहाल भारत का नेशनल रिकॉर्ड 10.26 सेकंड का है, जिसे अमीय कुमार मलिक ने इसी साल बनाया है।

400 मीटर स्‍प्र‍िंट: इसी साल केरल के मोहम्‍मद अनस ने 400 मीटर स्‍प्र‍िंट 45.40 सेकंड में पूरा करके न केवल नया नेशनल रिकॉर्ड कायम किया। इससे पहले राजीव आरोकिया ने 45.47 सेकंड का नेशनल रिकॉर्ड बनाया था। राजीव आरोकिया के रिकॉर्ड की बराबरी 1955 में कर ली गई थी। यह उस साल बना वर्ल्‍ड रिकॉर्ड था।

लंबी कूद या लॉन्‍ग जंप: 23 साल के अंकित ने लॉन्‍ग जंप में 8.19m मीटर का नेशनल रिकॉर्ड कायम किया। इससे पहले नेशनल रिकॉर्ड 8.09 मीटर का था, जो केपी कुमार ने अगस्‍त 2013 में बनाया था। केपी का आंकड़ा 1935 में बना वर्ल्‍ड रिकॉर्ड था।

शॉटपुट या गोलाफेंक: भारत का वर्तमान नेशनल रिकॉर्ड 20.69 मीटर है। इसे हरियाणा के ओम प्रकाश सिंह ने 12 मई 2012 को बनाया। यह 1964 में बना वर्ल्‍ड रिकॉर्ड था।

जैवलीन थ्रो या भालाफेंक: भारत का नेशनल रिकॉर्ड 86.48 मीटर है। इसे 23 जुलाई 2016 को नीरज चोपड़ा ने बनाया। यह आंकड़ा 1961 में बतौर वर्ल्‍ड रिकॉर्ड अचीव किया जा चुका था।

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