पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच रावलपिंडी स्टेडियम में खेले गए पहले टेस्ट मैच की डेड पिच पर लगातार सवाल उठ रहे थे। इसे लेकर अब आईसीसी (ICC) ने एक्शन ले लिया है और इस पिच को एक डिमेरिट अंक भी दिया है। मैच रेफरी रंजन मदुगल्ले ने इस पिच को औसत से भी नीचे (Below Average) बताया है।
इस पिच पर खेले गए पहले टेस्ट मैच में 24 साल बाद ऑस्ट्रेलिया पाकिस्तान की सरजमीं पर कोई मैच खेलने उतरी थी। इस मैच में फैंस को निराश होते हुए ड्रॉ से संतोष करना पड़ा। मैच में सिर्फ 14 विकेट गिरे और तीसरी पारी जारी रहते हुए 1187 रन बने। पाकिस्तान ने पहली पारी में 162 ओवर खेल कर पारी घोषित की जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने भी 140.1 ओवर खेले। दूसरी पारी में भी मेजबानें ने 77 ओवर खेले और कोई विकेट नहीं गंवाया।
ऑस्ट्रेलिया के उपकप्तान स्टीव स्मिथ ने भी इस पिच की निंदा की थी। कप्तान पैट कमिंस ने भी इस पिच को खास नहीं बताया था। उन्होंने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया के पेस अटैक को खराब करने के लिए यह पिच बनाई गई थी। मीडिया में लगातार इस पिच के डेड होने पर चर्चा थी। इस पिच पर टेस्ट मैच के एक दिन भी कोई बदलाव नहीं देखने को मिला।
मैच रेफरी रंजन मदुगल्ले ने कहा कि,’पिच का करेक्टर पूरे पांच दिन में एक बार भी नहीं बदला। बाउंस के बाद गेंद लगातार धीमी हो रही थी। पिच में ना ही पेस था और ना ही खास बाउंस। टर्न भी पिच पर नहीं था। ऐसे में पेसर्स और स्पिनर्स दोनों बेअसर दिखे। आईसीसी की गाइडलाइंस के मद्देनजर मैं इस पिच को औसत से नीचे (Below Average) रेट करता हूं।’
रावलपिंडी की पिच को मिला एक डिमेरिट अंक
आईसीसी द्वारा दी जाने वाली रेटिंग के अनुसार पिचों को वेरी गुड, गुड, एवरेज, बिलो एवरेज, पूअर और अनफिट में रेट किया जाता है। बिले एवरेज पर एक, पूअर पर तीन और अनफिट होने पर पांच डिमेरिट अंक दिए जाते हैं। यह डिमेरिट अंक अगले पांच साल तक मान्य रहते हैं। अगर किसी मैदान को 5 डिमेरट पॉइंट्स मिल जाते हैं तो उस पर एक साल तक इंटरनेशनल क्रिकेट नहीं हो सकता। वहीं 10 डिमेरिट पॉइंट्स पर 2 साल का प्रतिबंध लगता है।