दुनिया के बेहतरीन ऑलराउंडर्स में से एक रविंद्र जडेजा भारतीय टीम के नियमित सदस्य हैं। उन्होंने क्रिकेट की शुरुआत गुजरात के जामनगर में की थी। जडेजा ने दिग्गज ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह को दिए इंटरव्यू में क्रिकेटर बनने की कहानी सुनाई थी। उन्होंने कहा था कि वे बचपन में गेंद खरीदने के लिए दो-दो रुपए जमा करते थे। उन्हें लेदर गेंद से खेलने में डर लगता था, लेकिन अपने दोस्त के कहने पर क्रिकेट में करियर बनाने का प्लान बनाया था।

हरभजन सिंह ने दो साल पहले जडेजा का इंटरव्यू लिया था। इसे ‘क्यू प्ले’ यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया था। हरभजन ने उनसे पूछा था, ‘‘जडेजा क्रिकेटर कैसे बना?’’ इस पर भारतीय ऑलराउंडर ने कहा था, ‘‘मैं जहां रहता था पहले उसके बगल में पुलिस लाइन था। वहां पर एक सरकारी ग्राउंड था। वहां सभी खेलने जाते थे। दो-दो रुपए जमा करके हम मैच खेलने के लिए गेंद और बैट खरीदते थे। जो टीम जीत जाती थी वह गेंद और बैट अपने साथ ले जाती थी। मेरा एक दोस्त था। उसने मुझसे कहा कि तुम अगर इतना शौकीन हो तो इससे अच्छा लेदर गेंद से खेलो। जब मैं 8 साल का तब लेदर गेंद से खेलना शुरू किया था।’’

हरभजन ने आगे पूछा, ‘‘क्या तुम्हें लगा था कि भारत के लिए खेलोगे?’’ इस पर जडेजा ने कहा, ‘‘मुझे लगता था कि लेदर गेंद बाउंस नहीं होती। इसे चोट ज्यादा लगती थी। तब मैं खुद को ज्यादा बचाता था। तब खेलने का इतना शौक था कि पत्थर और कंकड़ वाले मैदान में भी खेलता था। मैं पढ़ने में ज्यादा तेज नहीं था।’’ हरभजन ने पूछा, ‘‘जड्डू अगर क्रिकेटर नहीं होता तो क्या होता?’’ इस पर जडेजा ने कहा, ‘‘मेरा घोड़े चलाने का शौक है तो मैं किसी के घोड़े संभालता।’’

जडेजा ने आगे कहा, ‘‘मेरे पास अभी 6 घोड़े हैं।’’ इस पर भज्जी ने कहा, ‘‘मैं आपको बता दूं कि ये घोड़े से कम नहीं है। यह बहुत तेज भागता है। शायद इंडियन टीम में इससे तेज कोई नहीं भागता होगा। इसका जो थ्रो है वह रॉकेट है। इसके हाथ में गेंद गई तो कोई दूसरा रन भी नहीं भागता है। मेरे जैसा आदमी तो एक रन भी नहीं लेता।’’ जडेजा ने भारत के लिए 50 टेस्ट, 168 वनडे और 50 टी20 मैच खेले हैं। उन्होंने 184 आईपीएल मैचों में हिस्सा लिया है।