वेंकट कृष्णा बी। भारत के दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन का संन्यास लेने का फैसला भले ही अचानक आया हो, लेकिन यह एक ऐसा कदम था, जिसके बारे में वह लंबे समय से सोच रहे थे। 2023 में भारत में हुए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान इस बारे में बात सामने आई थी। इसके 18 महीने बाद अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट को गुडबाय कह दिया। अश्विन के संन्यास लेने के प्रमुख कारण घुटने की चोट और वाशिंगटन सुंदर का उदय हैं। इसके अलावा भारत को अब लंबे समय तक टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलना है। विदेश में उन्हें शायद ही मौका मिले।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया है कि टेस्ट सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले ही अश्विन ने अपने परिवार को बता दिया था कि वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, तब कोई फैसला नहीं किया गया था, लेकिन उनके परिवार ने उन्हें इस बारे में सोचने के लिए कहा था। अश्विन ने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया में जो कुछ भी होगा उसके बाद वह इस बारे में फैसला करेंगे। उन्होंने मंगलवार (17 दिसंबर) की रात को उन्होंने अपने परिवार को बताया कि 18 दिसंबर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनका आखिरी दिन होगा।
अश्विन ने प्रत्येक खिलाड़ी को संन्यास लेने के बारे में बताया
कप्तान रोहित शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि जब वह पर्थ पहुंचे तो अश्विन ने एडिलेड में दूसरा टेस्ट खेलने से पहले संन्यास लेने के बारे में लंबी बातचीत की थी। वह ब्रिस्बेन टेस्ट खेलने के भी दावेदार थे, लेकिन रविंद्र जडेजा को प्राथमिकता दी गई। जानकारी के अनुसार गाबा में अश्विन ने प्रत्येक खिलाड़ी को सीरीज के बीच में संन्यास लेने के अपने फैसले के बारे में अलग से बताया, जिसने सभी को चौंका दिया।
मेलबर्न और सिडनी में खेलने का मौका था
रविचंद्रन अश्विन के पास मेलबर्न और सिडनी में खेलने का मौका था, लेकिन ऐसा लगता है कि यह फैसला इस बात को ध्यान में रखते हुए लिया गया है कि टीम इस समय किस ओर बढ़ रही है। जडेजा ने ब्रिस्बेन में अच्छा प्रदर्शन किया था और वाशिंगटन सुंदर के रूप में भारत के पास एक और ऑफ स्पिनर है, जो अश्विन की जगह लेने के लिए तैयार है। हालांकि, वह पूरी तरह से अलग है।
कुछ साल और खेल सकते हैं अश्विन
38 साल की उम्र में जब टेस्ट सीजन की शुरुआत बांग्लादेश के खिलाफ घरेलू सीरीज से हुई, जहां अश्विन प्लेयर ऑफ द सीरीज बने तब भी उनके पास कम से कम दो साल और बचे थे, लेकिन भारतीय टीम को लंबे समय तक लाल गेंद से नहीं खेलना है। विदेश में खेलने पर संशय और घुटने में लगातार तकलीफ होने के कारण अश्विन ने पहली बार संन्यास लेने के बारे में सोचने के 18 महीने बाद अलविदा कहने का फैसला किया।
रणजी ट्रॉफी जीतने का सपना
अश्विन गुरुवार (19 दिसंबर) को स्वदेश लौटने वाले हैं। उन्होंने बताया कि वह घरेलू टूर्नामेंट में खेलते दिख सकते हैं। अतीत में उन्होंने कहा है कि रणजी ट्रॉफी जीतना एक सपना है, जो पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं और तमिलनाडु अभी भी प्लेऑफ की दौड़ में है। इसलिए उनके सफेद जर्सी पहनने की संभावना है। आईपीएल में वह चेन्नई सुपर किंग्स से फिर जुड़ गए हैं, जो उनके लिए शानदार विदाई साबित हो सकती है। अश्विन ने रिटायरमेंट के दौरान क्या कहा? जानने के लिए क्लिक करें।