भारत के पूर्व क्रिकेटर रवि शास्त्री की कोचिंग में टीम इंडिया भले ही कोई आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत पाई हो, लेकिन वो हमेश अपनी टीम को बेस्ट बताते रहे हैं। इसे लेकर कई बार पूर्व खिलाड़ियों ने उन पर कमेंट भी किए हैं। जब वो टीम के डायरेक्टर थे तो माना जा रहा था कि उन्हें कोच बनाया जाएगा, लेकिन अनिल कुंबले को इसकी जिम्मेदारी दी गई। शास्त्री फिर बाद में कोच बने। शास्त्री पर हमेशा अंहकारी होने का आरोप लगा है। उन्हें मैदान पर दर्शकों की हूटिंग का भी सामना करना पड़ा है। इसके बारे में उन्होंने खुद ही एक इंटरव्यू में खुलासा किया था।

रवि शास्त्री इंडिया टीवी के शो ‘आप की अदालत’ में 4 साल पहले हिस्सा लिया था। तब कार्यक्रम के एंकर रजत शर्मा ने उनसे पूछा था, ‘‘रवि आपका क्रिकेट के मैदान का रिकॉर्ड देखा। आप 23 साल की उम्र में चैंपियंस ऑफ चैंपियंस बन गए। 24 साल की उम्र में 2000 रन बनाए और 100 विकेट ले लिए थे। लेकिन जब रवि शास्त्री मैदान पर उतरते थे तो लोग कहते थे हाय-हाय। ऐसा क्यों?’’ इस पर शास्त्री ने कहा था, ‘‘मेरे ख्याल से मैं लोगों को अंहकारी इसलिए दिखता था क्योंकि मेरा बॉडी लैंग्वेज ऐसा ही था। मुझे अपनी क्षमताओं पर विश्वास था। मेरे लिए क्रिकेट बड़ा सीरियस गेम था। मैं मैदान पर ज्यादा टाइमपास नहीं करता था। हमेशा हार्ड क्रिकेट खेलता था तो लोगों को लगता था कि मैं अहंकारी हूं।’’

शास्त्री ने आगे कहा, ‘‘काफी साल के बाद जब वही लोग मुझसे मैदान के बाहर मिलते थे तो कहते थे कि ये आदमी वास्तविक जीवन में काफी साधारण है। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी को भी इसके बारे में पता चल गया था। वे हिंदी सीख चुके थे। लेकिन उनको ये पता चल गया था कि ये आदमी इतना बदमाश है कि जितनी हूटिंग होगी वह उतना ही रन बनाएगा। कमेंट्री के दौर पर जब लोग मिले तो अच्छे से मिलते थे।’’ शास्त्री को कुंबले के जाने के बाद 2017 में कोच बनाया था। 2019 वर्ल्ड कप के बाद उनका कार्यकाल आगे बढ़ाया गया।

शास्त्री से पूछा गया कि इतने सालों के बाद भी लोगों की सोच में बदलाव नहीं हुआ। एक अखबार में छपा था कि शास्त्री को कोच मता बनाओ क्योंकि वह अंहकारी हैं। अनिल कुंबले मिलनसार हैं। कुंबले को बाद में कोच बनाया गया था। इस पर शास्त्री ने कहा, ‘‘मुझे इस बारे में पता नहीं कि कोच नहीं बनने के पीछे यही कारण है। मुझे पता है कि मैंने 18 महीनों में टीम के साथ ईमानदारी से काम किया था। रिकॉर्ड भी इस बात का गवाह है। हम इंसान हैं। हर मैच नहीं जीत सकते हैं। टीम ने तीनों फॉर्मेट में बेहतरीन काम किया।’’