सनराइजर्स हैदराबाद के स्पिनर अफगानिस्तान के राशिद खान इस आईपीएल में फॉर्म में लौट आए हैं। वे पहले कुछ मैचों में खराब प्रदर्शन करने के बाद अब लगातार विकेट ले रहे हैं और गेंदबाजों की सूची में छठे स्थान पर आ गए हैं। उन्होंने 6 मैच में 8 विकेट लिए हैं। राशिद ने 2015 में इंटरनेशनल क्रिकेट और 2017 में आईपीएल में डेब्यू किया था। दुनिया के टॉप गेंदबाजों में शामिल यह गेंदबाज क्रिकेटर नहीं बनने वाला था। उनकी मां डॉक्टर बनाना चाहती थी। राशिद ने एक इंटरव्यू में क्रिकेटर बनने की कहानी के बारे में बताया।
राशिद ने स्पोर्ट्स एंकर गौरव कपूर के यूट्यूब चैनल ‘ऑकट्री स्पोर्ट्स’ को दिए इंटरव्यू में अपनी कहानी बताई। राशिद ने कहा, ‘‘मेरे सभी भाई लेग स्पिनर हैं। छोटे-छोटे बच्चे गुगली और रॉन्ग वन गेंद फेंकते हैं। मेरे बड़े भाई को क्रिकेट का शौक था। वे शुरू से ही क्रिकेट बहुत खेलते थे। उन्होंने फैमिली में क्रिकेट का कल्चर बनाया। मेरे सबसे बड़े भाई को क्रिकेट से नफरत था और अब वो मुझे गेंदबाजी करने के लिए कहते हैं। क्रिकेट को लेकर उनसे काफी लड़ाई भी हुई है।’’
राशिद ने आगे कहा, ‘‘पहले अफगानिस्तान में क्रिकेट खेलना मुश्किल था। मुझे घर से बाहर जाने नहीं देते थे। वहां हालात ठीक नहीं थे। फैमिली क्रिकेट के लिए मना करते थे। घर में ही पढ़ाई करता था। अम्मी कहती थी कि आपको डॉक्टर बनना है। हमारे घर में कोई डॉक्टर नहीं था। नौवीं और दसवीं में मैं टॉप-5 में आता था। मैं खुद भी डॉक्टर बनना चाहता था। पढ़ाई का शौक था और रिजल्ट भी बेहतर आता था। मैंने इंग्लिश का कोर्स भी शुरू किया था। इंग्लिश सीखने का शौक था।’’
राशिद ने कहा, ‘‘लोग कहते थे कि इंग्लिश सीख कर क्या करोगे? यह समय की बर्बादी है। इंग्लिश कोर्स कंपलीट करने के बाद ट्यूशन भी पढ़ाया। क्रिकेट शुरू होने के बाद उसे छोड़ दिया। घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन करने के बाद सबने तारीफ की। फिर मेरा अंडर-19 टीम में और उसके बाद जिम्बाब्वे के खिलाफ नेशनल टीम में सिलेक्शन हो गया। फिर भारत में हुए 2016 टी20 वर्ल्ड कप में भी खेला था। सबने मेरे प्रदर्शन की तारीफ की थी।’’