भारत के पूर्व क्रिकेटर और बंगाल क्रिकेट टीम के वर्तमान कप्तान मनोज तिवारी ने भारत के प्रमुख घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी को बंद करने की मांग करके एक नए विवाद को जन्म दे दिया। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात सबके सामने रखते हुए इस टूर्नामेंट के आकर्षण में गिरावट की तरफ इशारा दिया। हालांकि बीसीसीआई की आचार संहिता की वजह से उन्होंने इसके प्रमुख कारणों का खुलासा करने से परहेज किया, लेकिन उन्होंने जिस तरह से टिप्पणी की उससे साफ तौर पर पता चल रहा है कि शायद कुछ गड़बड़ है।
रणजी टूर्नामेंट को कर देना चाहिए बंद
मनोज तिवाली ने ट्वीट करते हुए लिखा कि अगले सीजन से रणजी ट्रॉफी को कैलेंडर से हटा देना चाहिए। यहां बहुत सी चीजें गलत हो रही है और समृद्ध इतिहास वाले इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट को बचाने के लिए कई चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है। यह टूर्नामेंट अब अपना आकर्षण और महत्व खोता जा रहा है।
रणनीति भी ठीक से नहीं बना सकते
मनोज तिवारी ने अपने फेसबुक पर एक लाइव वीडियो में तिरुवनंतपुरम के थुम्बा में सेंट जेवियर्स कॉलेज ग्राउंड जैसे स्थानों पर अपर्याप्त सुविधाओं का हवाला देते हुए खिलाड़ियों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि हम केरल के साथ एक मैदान में खेल रहे हैं (अभी बंगाल का मुकाबला रणजी में केरल के साथ हो रहा है), स्टेडियम में नहीं जबकि वहां कई साल पहले स्टेडियम बना था। हमें राज्य के बाहरी इलाके में एक मैदान में खेलने के लिए कहा जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि ड्रेसिंग रूम ऐसे हैं कि आप ठीक से रणनीति भी नहीं बना सकते। उन्होंने आगे कहा कि हमारा ड्रेसिंग रूम और सामने वाला ड्रेसिंग रूप एक-दूसरे के इतने करीब है कि आप सुन सकते हैं कि दूसरे क्या कह रहे हैं और कोई गोपनीयता नहीं है। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में इस पर ध्यान दिया जाएगा।