प्रत्युष राज। बॉलीवुड के प्रसिद्ध डायरेक्टर और प्रोड्यूसर विधु विनोद चोपड़ा और पत्रकार अनुपमा चोपड़ा के बेटे अग्नि देव चोपड़ा रणजी ट्रॉफी में शानदार बल्लेबाजी की वजह से सुर्खियों में हैं। दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर और भारत के स्टार क्रिकेटर शुभमन गिल के दोस्त क्रिकेट के लिए कुछ भी करने को तैयार है। उन्हें मुंबई के लिए रणजी में मौका नहीं मिला तो मिजोरम का रुख किया। क्रिकेट के लिए वह घर तक छोड़ने में नहीं झिझके।

25 साल के अग्नि ने 95.87 की औसत से 4 मैचों में 767 रन बनाए हैं। प्लेट ग्रुप में गेंदबाजी आक्रमण एलीट ग्रुप जैस नहीं है, लेकिन वह एक कुशल जूनियर बल्लेबाज रहे हैं। उन्होंने मुंबई अंडर-19 टीम का नेतृत्व किया है और 2019-20 सीके नायडू ट्रॉफी में एक दोहरा शतक सहित 760 रन के साथ मुंबई के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे हैं। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में उन्होंने जम्मू-कश्मीर के आक्रमण के खिलाफ 45 गेंदों में 76 रन बनाए। इसमें उमरान मलिक, युदवीर सिंह, रसिख सलाम और आबिद मुश्ताक शामिल थे। इन सभी के पास आईपीएल अनुबंध है।

मुंबई की रणजी ट्रॉफी टीम में मौका नहीं मिला

अग्नि बताते हैं, ” मुझे अपना 201 याद है। यह दादोजी कोंडादेव स्टेडियम में अंडर-23 में बंगाल के खिलाफ था। यह टर्निंग पिच थी। अगर मैंने उस मैच में रन नहीं बनाए होते तो मुझे बाहर कर दिया गया होता। पहले तीन मैचों में मैंने केवल अर्धशतक बनाया था। यह मेरे लिए बनाने या बिगड़ने जैसा था।” इस शानदार प्रदर्शन के बाद भी अग्नि को मुंबई की रणजी ट्रॉफी टीम में मौका नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने मिजोरम का रुख किया।

मिजोरम के लिए दिया ट्रायल

अग्नि ने कहा, “जुलाई में मिजोरम की नेशनल क्रिकेट एकेडमी में ट्रायल हुआ था। मैं ट्रायल के लिए गया और मैं भाग्यशाली था कि मुझे चुना गया। अपना शहर छोड़ना कठिन था, लेकिन लिस्ट ए और प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खेलने का यह सबसे अच्छा मौका था।” अग्नि को चोट से भी जूझना पड़ा। दो साल पहले इसके कारण लगभग तीन महीने तक क्रिकेट नहीं खेल पाए थे।

जब अग्नि हुए चोटिल

अग्नि ने कहा, ” अंडर-25 टूर्नामेंट से एक सप्ताह पहले मैं एक क्लब मैच में स्लिप में फील्डिंग कर रहा था और एक गेंद मेरे सामने गिरी और मैंने उसे कैच करने की कोशिश की, लेकिन वह थोड़ी दूर थी। गेंद मेरे दाहिने हाथ की अनामिका उंगली (Ring Finger) पर लगी। मेरा नाखून बीच से टूट गया था। मैं ढाई महीने तक बाहर था।”

मुश्किल वक्त में अर्जुन और शुभमन का साथ मिला

अग्नि को इस मुश्किल वक्त में अर्जुन और शुभमन का साथ मिला। वह इसे लेकर कहते हैं, “अर्जुन और मैं एक साथ बड़े हुए हैं। हमने लगभग हर आयु वर्ग में एक साथ खेला है। हम एक ही क्लब के लिए भी खेलते थे। दोनों को चोटों का भी सामना करना पड़ा है। जब मैं अपनी उंगली बिल्कुल भी नहीं हिला पा रहा था तो मैं सोच रहा था कि मैं अपना बल्ला कैसे पकड़ूंगा या कैच या गेंदबाजी कैसे करूंगा। बहुत सारे नकारात्मक विचार थे। उन्होंने मुझे समझाया कि यह कुछ ऐसा (चोटें) है जिसे आप नियंत्रित नहीं कर सकते और यह खेल का हिस्सा है।”

जब अग्नि ने किया घर छोड़ने का फैसला

2019 में अग्नि ने अपने माता-पिता का घर छोड़ने का बड़ा फैसला लिया। वह गिल के ट्रेनर खुशप्रीत सिंह औलख के साथ रहने लगे। खुशप्रीत को लगा कि कंफर्ट जोन से बाहर निकलने पर अग्नि बहुत अच्छा होगा। औलख ने कहा, ” जब मैं केकेआर की एकेडमी में काम कर रहा था, तो अभिषेक नायर (पूर्व मुंबई क्रिकेटर) के माध्यम से मेरी मुलाकात विधु विनोद चोपड़ा से हुई। मैं शुभमन को ट्रेनिंग देता हूं, इसलिए उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं अग्नि को भी ट्रेनिंग देसकता हूं। मेरी एकमात्र शर्त यह थी कि अग्नि को कंफर्ट जोन से बाहर निकलना होगा।”

अग्नि को घर छोड़ने से हुआ फायदा

अग्नि ने कहा कि घर छोड़ने से उन्हें एक व्यक्ति के रूप में विकसित होने में मदद मिली। उन्होंने कहा, ” मैं घर छोड़ दिया तो सब कुछ बहुत आसान और आरामदायक था, सबकुछ थाली में सजाकर मिलता था। मैं किसी चीज की फिक्र नहीं होती थी।” अग्नि व्यावहारिक हैं और वह मिजोरम के लिए रन बनाने की होड़ से प्रभावित नहीं होना चाहते। वह कहते हैं, “हां, मैंने पांच शतक बनाए हैं, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम एलीट के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाएंगे, यही लक्ष्य है।”