भारतीय टेस्ट टीम से बाहर चल रहे मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज श्रेयस अय्यर ने शनिवार (19 अक्टूबर) को मुंबई और महाराष्ट्र के बीच रणजी ट्रॉफी के दूसरे दौर के मैच में तीन साल साल बाद प्रथम श्रेणी शतक जड़ा। कप्तान अजिंक्य रहाणे के आउट होने के बाद मुंबई के लिए पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए अय्यर ने युवा ओपनर बल्लेबाज आयुष म्हात्रे के साथ मिलकर मुंबई को महाराष्ट्र के पहले पारी के स्कोर से आगे बढ़ाया। दोनों ने दूसरे दिन 200 रनों की मजबूत साझेदारी की और मुंबई को 300 रनों के पार पहुंचाया।

म्हात्रे 176 रन बनाकर आउट हो गए, जबकि अय्यर ने 131 गेंदों में नौ चौकों और तीन छक्कों की मदद से अपना शतक पूरा किया। इस शतक ने अय्यर के लिए लंबे समय से चले आ रहे सूखे को खत्म किया, जो 2024 की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सरजमीं पर टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच के बाद से भारत के टेस्ट सेट-अप से बाहर चल रहे हैं। 29 वर्षीय अय्यर का पिछला फर्स्ट क्लास शतक नवंबर 2021 में कानपुर में न्यूजीलैंड के खिलाफ आया था। अय्यर ने महाराष्ट्र के खिलाफ पारी के दौरान 6000 फर्स्ट क्लास रन भी पूरे किए।

2024-25 के घरेलू क्रिकेट सत्र की शुरुआत से ही अय्यर का प्रदर्शन खराब रहा

2024-25 के घरेलू क्रिकेट सत्र की शुरुआत से ही अय्यर का प्रदर्शन खराब रहा है। दलीप ट्रॉफी में अय्यर ने छह पारियों में दो अर्द्धशतक और इतने ही शून्य के साथ केवल 154 रन बनाए। मुंबई के लिए ईरानी कप मुकाबले में अय्यर ने दो पारियों में 57 और 8 रन बनाए। अय्यर ने पिछले सप्ताह बड़ौदा में रणजी ट्रॉफी के पहले दौर में एक और शून्य बनाए। अय्यर और भारतीय विकेटकीपर इशान किशन को 2024 की शुरुआत में बीसीसीआई की केंद्रीय अनुबंध सूची से बाहर कर दिया गया था, जब उन्हें घरेलू मैचों से बाहर माना गया था।

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अय्यर पिछले साल सभी प्रारूपों में भारत की टीम का अभिन्न अंग थे

हालांकि, अय्यर ने मुंबई के लिए रणजी मैचों से बाहर रहने के लिए पीठ और कमर दर्द का कारण बताया, लेकिन नेशनल क्रिकेट एकेडमी में स्पोर्ट्स साइंस के प्रमुख नितिन पटेल की अध्यक्षता वाली बीसीसीआई की मेडिकल टीम ने उनकी फिटनेस में कोई समस्या नहीं पाई। अय्यर पिछले साल सभी प्रारूपों में भारत की टीम का अभिन्न अंग थे। मुंबईकर ने अक्टूबर-नवंबर में विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन किया था, जहां उन्होंने दो शतक और तीन अर्द्धशतक सहित 468 रन बनाए थे और वे स्टार खिलाड़ियों में से एक थे। हालांकि, टेस्ट मैचों में उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा था। फिर उन्हें लंबे समय तक मौका दिया गया और इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के बीच में ही उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया।