भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन ने भले ही इंटरनेशनल क्रिकेट में अपने 10 साल पूरे कर लिए होंगे। मगर एक दशक में उन्हें उतने मौके नहीं मिल पाए जितना वह उसके हकदार थे। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए चुने गए स्क्वाड में भी उन्हें जगह नहीं मिली थी। जबकि अपने आखिरी वनडे में साउथ अफ्रीका की सरजमीं पर शतक लगाकर उन्होंने भारत को जीत दिलाई थी। मगर फिर भी ऋषभ पंत की गैरमौजूदगी में भी सैमसन को नजर अंदाज करके पहली बार ध्रुव जुरेल को चुना गया।

संजू सैमसन का बल्ले से जवाब

अब संजू सैमसन ने रणजी ट्रॉफी 2025 के पहले मुकाबले में महाराष्ट्र के खिलाफ अपनी अर्धशतकीय पारी से बता दिया है कि वह टी20 के अलावा लंबे फॉर्मेट में भी खेल सकते हैं। भारत के लिए 16 वनडे मुकाबले खेलने के बाद भी संजू को वनडे सीरीज में नहीं चुना गया था। अब रणजी ट्रॉफी में उन्होंने 51 गेंदों पर अर्धशतक लगाया और अपनी टीम के स्कोर 35 पर 3 विकेट से आगे बढ़ाया। उन्होंने चौथे विकेट के लिए सचिन बेबी के साथ 40 और कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन के साथ पांचवें विकेट के लिए 57 रन जोड़े।

संजू सैमसन ने इस पारी में 5 चौके और एक छक्के के साथ 63 गेंदों पर 54 रनों की पारी खेली। उन्होंने अमूमन इस पारी को 85 से अधिक के स्ट्राइक रेट से खेला। उनका वनडे में करियर स्ट्राइक रेट है 99.61। उन्होंने 16 वनडे मैचों में भारत के लिए एक शतक और तीन अर्धशतक समेत 510 रन बनाए हैं। वहीं टी20 इंटरनेशनल में वह टीम इंडिया के लिए 49 मैचों में 3 शतक और 3 अर्धशतक के साथ 993 रन बना चुके हैं।

मुश्किल से बाहर निकली महाराष्ट्र की टीम

अगर इस मैच की बात करें तो महाराष्ट्र की टीम का एक वक्त बहुत बुरा हाल था। 0 पर तीन विकेट और 18 रन पर उसकी आधी टीम पवेलियन लौट गई थी। उसके बाद रुतुराज गायकवाड़ (91) और जलज सक्सेना (49) ने पारी को संभाला और आगे बढ़ाया। अंत में विक्की ओस्टवाल (38) और रामकृ्ष्ण घोष (31) ने उपयोगी पारियां खेलीं। इसकी बदौलत महाराष्ट्र ने 239 रन बनाए। जवाब में केरल की टीम तीसरे दिन लंच तक पहली पारी में 6 विकेट खोकर 152 रन ही बना पाई थी। संजू सैमसन 54 और कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन 36 पर विक्की ओस्टवाल का शिकार बने।