मुंबई ने 8 साल के इंतजार के बाद रणजी ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया। पूर्व भारतीय उपकप्तान अजिंक्य रहाणे ने युवाओ से सजी अपनी को टीम को खिताब तक पहुंचाया। मुंबई की जीत में उसके युवा खिलाड़ियों का अहम रोल रहा। मुंबई के तनुष कोटियान को प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया। बीते साल तनुष का आईपीएल खेलने का सपना टूट गया था लेकिन खिलाड़ी ने घरेलू क्रिकेट में फिर अपनी धाक जमाई।
तनुष कोटियान का ऑलराउंड खेल
तनुष कोटियान ने अपने ऑलराउंड खेल से सभी को प्रभावित किया। कोटिया ने 9 मैचों में 29 विकेट झटके। वहीं बल्लेबाजी से भी टीम की नैया पार कराई। उन्होंने 10 मैचों में 41 से ज्यादा के औसत से 505 रन बनाए। हैरानी की बात यह है कि तनुष 10वें नंबर पर बल्लेबाजी करने आते हैं। उन्होंने 9 मुकाबलों में एक शतक और तीन अर्धशतक लगाए।
तनुष कोटियान का सपना टूटा
तनुष कोटियान आईपीएल में खेलना चाहते थे। बीते सीजन में घरेलू क्रिकेट में अच्छे प्रदर्शन के बाद उन्हें इसकी उम्मीद भी थी। उन्होंने कई फ्रैंचाइजी ने ट्रायरल्स के लिए भी बुलाया। ऑक्शन से एक दिन पहले उन्होंने रणजी में पांच विकेट भी लिए। हालांकि ऑक्शन में किसी भी टीम ने उनके नाम पर दिलचस्पी नहीं दिखाई। इस बात से तनुष भी हैरान थे। इसके बाद उन्हें पता चला कि उनका नाम बीसीसीआई की उस लिस्ट में शामिल हैं जिसमें वह गेंदबाज हैं जिनके एक्शन बीसीसीआई को संदिग्ध लगता है।
कोटियान ने एक इंटरव्यू में बताया कि उत्तराखंड के खिलाफ एक सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के मुकाबले दौरान अंपायर ने उन्हें टोका था। हालांकि कोटियान को गेंदबाजी करने से रोका नहीं गया और इसी वजह से उन्होंने नहीं सोचा कि बॉलिंग एक्शन को लेकर उनपर सवाल उठ जाएंगे। कोटियान ने हार नहीं मानी। उनपर कोई बैन नहीं लगा था इसलिए उन्होंने गेंदबाजी जारी रखी। मुंबई के हीरो बनने के बाद उन्हें उम्मीद है कि आईपीएल टीमें उनमें दिलचस्पी दिखाएंगी।