सुशांत कुलकर्णी

अप्रैल की एक शाम जब इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैच का लाइव टेलीकॉस्ट हो रहा था, तभी एक पिज्जा डिलीवरी मैन पुणे के बाहरी इलाके स्थित एक फ्लैट का दरवाजा खटखटाता है। अप्रैल की ही एक और रात जब आईपीएल का मुकाबला चल रहा था, उसी दौरान पुणे के एक अन्य उपनगरीय फ्लैट के दरवाजे पर बिल्डिंग का सिक्योरिटी गार्ड/वॉचमैन दस्तक देता है। वह फ्लैट में रहने वालों को बताता है कि उनकी कार से तेल लीक हो रहा है।

इन दोनों ही घटनाओं में खास यह था कि न तो फ्लैट में रहने वालों ने पिज्जा ऑर्डर किया था और ना ही कार से तेल लीक हो रहा था। दरअसल, इन मामलों में डिलीवरी ब्वॉय और सुरक्षा गार्ड को पुलिस टीमों ने भेजा था। पुलिस का इन फ्लैटों से संचालित संदिग्ध सट्टेबाजी रैकेट का भंड़ाफोड़ करने का प्लान था। यह रैकेट 31 मार्च से 28 मई के बीच आयोजित किए गए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2023 के मैचों को लेकर के दौरान सट्टेबाजी कराता था।

पुणे पुलिस ने 12 जगह मारे छापे

पिंपरी चिंचवाड़ और पुणे सिटी पुलिस की टीमों ने आईपीएल के नवीनतम सत्र के दौरान 12 जगह छापेमारी की। ये दोनों मामले में भी उनमें शामिल थे। पुलिस ने इस मामले में अब तक 53 लोगों को गिरफ्तार किया है। पिंपरी चिंचवाड़ के पुलिस आयुक्त विनय कुमार चौबे ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, जुआ रोकथाम अधिनियम और टेलीग्राफ अधिनियम के प्रावधानों के तहत आईपीएल सट्टेबाजी अवैध है।

सट्टेबाजों के खिलाफ जारी रहेगी कार्रवाई: पुलिस आयुक्त

पुलिस आयुक्त ने बताया, इसके सामाजिक प्रभाव कहीं अधिक गंभीर हैं। इन सट्टेबाजी रैकेट से जुड़े कई लोगों आपराधिक बैकग्राउंड है। नवीनतम आईपीएल सीजन के दौरान हमारी जांच टीमों ने सोर्सेज बढ़ाने पर सावधानीपूर्वक काम किया और कई कोऑर्डनैटिड छापे मारे। आने वाले दिनों में भी क्रिकेट सट्टेबाजी और जुए के अन्य रूपों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।

गिरफ्तार किए गए 53 में से 40 संदिग्ध पुणे के नहीं

पुणे सिटी और पिंपरी चिंचवाड़ की टीमों का नेतृत्व करने वाले जांच अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में से लगभग 80 प्रतिशत यानी 53 में से 40 पुणे और बाहर के कारोबारी हैं। इनमें से ज्यादातर की उम्र 25 से 50 साल के बीच है। सट्टेबाजी रैकेट की जांच करने वाले एक अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में छत्तीसगढ़, बिहार और पंजाब के लोग और पुणे के बाहर (मुंबई और नासिक) के लोग भी शामिल हैं। अधिकारी ने बताया, हमारी जांच से पता चलता है कि इन संदिग्धों में से कई का पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड भी है।

सट्टेबाजी के लिए इस्तेमाल कर रहे थे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल

जांच अधिकारियों ने यह भी बताया कि ज्यादातर मामलों में संदिग्ध महंगी आवासीय सोसायटियों के अपार्टमेंट से रैकेट संचालित कर रहे थे। जांच से पता चला है कि गिरफ्तार किए गए लगभग सभी व्यक्तियों ने सटोरियों के रूप में काम किया। ये लोग सट्टा लगवाते थे और उन्हें ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफार्मों पर भेज देते थे। ऐसे ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म ज्यादातर भारत के बाहर से संचालित हो रहे थे।

पुणे सिटी पुलिस उपायुक्त (अपराध) अमोल जेंडे ने बताया, संदिग्धों द्वारा फोन-आधारित एप्लिकेशन का इस्तेमाल प्रमुख समानताओं में से एक है। हमारे सभी छापों में, हमने सेलफोन और लैपटॉप जब्त किए हैं, जिनका इस्तेमाल संदिग्धों द्वारा सट्टेबाजी के लिए किया जा रहा था।