ललित कालिदास। भारतीय क्रिकेट दुनिया में सबसे ताकतवर कहलाता है, कड़ी प्रतिस्पर्धा, विशाल टैलेंट पूल, IPL जैसी लीग और कठोर चयन प्रक्रिया इसकी पहचान है। खिलाड़ियों का भरोसा इसी बात पर टिका है कि सिस्टम निष्पक्ष है, लेकिन पुडुचेरी में यह पूरा उलट चुका है।

यहां पते बनाए जाते हैं। फर्जी पते पर खिलाड़ियों के आधार कार्ड बनते हैं। एक समानांतर चयन प्रक्रिया काम करती है और यह सब कुछ क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ पांडिचेरी (CAP) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की नाक के नीचे चल रहा है। द इंडियन एक्सप्रेस की तीन महीने की जांच में ऐसे कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

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जांच में 2,000 से ज्यादा खिलाड़ियों के फार्म चेक किए गए, दर्जनों खिलाड़ियों से बात हुई और कई पतों की मौके पर जांच की गई। पता चला कि, 1.2 लाख रुपये लेकर खिलाड़ियों को “स्थानीय खिलाड़ी” बनाया जाता है। कोच और निजी क्रिकेट अकादमियां खिलाड़ियों को फर्जी एड्रेस, बैकडेट से कॉलेज में दाखिला और नकली जॉब रिकॉर्ड उपलब्ध कराती हैं। BCCI का जरूरी एक साल का निवास प्रमाणपत्र कागजों में पूरा कर दिया जाता है। फिर इन खिलाड़ियों को CAP की टीमों में सीधा रास्ता मिल जाता है।

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  • बाहरी राज्यों के क्रिकेटरों को BCCI की अनिवार्य एक साल की निवास आवश्यकता को दरकिनार करने और ‘स्थानीय’ बनने के लिए 1.2 लाख रुपए या उससे अधिक के ‘पैकेज’ का भुगतान करना पड़ता है।
  • निजी क्रिकेट अकादमियों के कोच की मदद से निवास प्रमाण पत्र बेचे जा रहे हैं। इसमें फर्जी आधार कार्ड पते, पिछली तारीखों से शैक्षिक संस्थानों में दाखिले या नकली नौकरी रिकॉर्ड का इस्तेमाल किया जाता है।
  • पैसे देने वाले खिलाड़ियों को पुडुचेरी क्रिकेट एसोसिएशन (CAP) की टीमों में तुरंत जगह मिल रही है, जिससे उन्हें रणजी ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंट खेलने का मौका मिलता है।

17 खिलाड़ियों का एक ही ‘आधार’ पता

इस धांधली का सबसे चौंकाने वाला सबूत यह है कि पुडुचेरी की विभिन्न टीमों के 17 ‘स्थानीय’ क्रिकेटर मूलाकुलम (Moolakulam) के मोतीलाल नगर में एक ही आधार पते का उपयोग कर रहे थे। घर के मालिक ने पुष्टि की कि किराएदारों को भुगतान न करने के कारण महीनों पहले हटा दिया गया था। इस ‘समांतर प्रणाली’ का सीधा नुकसान पुडुचेरी में जन्मे खिलाड़ियों को हो रहा है, जिनके लिए अवसर खत्म हो गए हैं।

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स्थानीय खिलाड़ियों को हो रहा नुकसान

  • रणजी में कम भागीदारी: पिछले चार वर्षों में टीम द्वारा खेले गए 29 रणजी मैचों में केवल पांच पुडुचेरी में जन्मे खिलाड़ियों ने ही मैदान पर कदम रखा है।
  • जूनियर टीम: इस सीज़न के U19 विनू मांकड़ ट्रॉफी के उद्घाटन मैच में, 11 में से 9 खिलाड़ी अन्य राज्यों से भर्ती किए गए थे और उन्हें ‘स्थानीय’ लेबल दिया गया था।
  • उच्च दांव: रणजी ट्रॉफी खेलने से मैच फीस (जूनियर खिलाड़ियों के लिए एक सीज़न में ₹11.2 लाख तक) और IPL में जगह बनाने की संभावना बढ़ जाती है।

विरोध करने पर किया गया बैन

T20 पुडुचेरी प्रीमियर लीग (PPL) 2025 सीज़न में बाहरी क्रिकेटरों को शामिल करने का विरोध करने पर पांच स्थानीय क्रिकेटरों को CAP द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था। इससे पहले 2019 में, BCCI ने पंजीकरण रिकॉर्ड में एक काल्पनिक “सेंथिल इंस्टीट्यूट” सूचीबद्ध करने के कारण पुडुचेरी के छह खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगा दिया था।

CAP के पूर्व अधिकारी ने किया खंडन

CAP (क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ पांडिचेरी ) के संयुक्त सचिव (2019-22) रहे एस. वेंकटरामन ने इन आरोपों का खंडन किया है। उनका कहना है कि राज्य संघ आधार और पैन जैसे सरकारी दस्तावेजों की क्रॉस-जाच के लिए जिम्मेदार नहीं है, और वे सभी दस्तावेज BCCI को सत्यापन के लिए भेज देते हैं।

CAP फाउंडर का जवाब?

अगस्त तक क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ पांडिचेरी (CAP) के अध्यक्ष रहे और फाउंडर पी. दामोदरन ने इस मामले पर जवाब दिया है। सीचेम टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (Siechem Technologies Ltd) के एमडी दामोदरन ने CAP को “स्वच्छ” (clean) संगठन बताया है। हालांकि,  इस जांच में Siechem और CAP के हितों के ओवरलैप होने की बात भी सामने आई है। दामोदरन ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ द्वारा भेजी गई प्रश्नावली का जवाब दिया।

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इस जांच में पाया गया था कि निजी अकादमियों के कोच शुल्क लेकर बीसीसीआई के निवास मानदंडों को दरकिनार करने और स्थानीय क्रिकेटर के रूप में अर्हता प्राप्त करने के लिए दस्तावेज़ उपलब्ध करा रहे थे। दामोदरन के अनुसार, CAP में “खिलाड़ी प्रदर्शन के माध्यम से खुद का चयन करते हैं”।