रिंकू घोष। बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मोटापे के खिलाफ लड़ाई’ अभियान में शामिल हुईं हैं। उन्होंने अपनी दिनचर्या से तेल कम करने का संकल्प लिया है। दो बार की ओलंपिक पदक विजेता शटलर ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में भोजन में प्रोटीन शामिल करने का आसान तरीका बताया।

नट्स के लड्डू में भी प्रोटीन

पीवी सिंधु ने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा, तब मेरी दादी को लगता था कि उनकी पोती पर्याप्त भोजन नहीं कर रही है, तो वह नट्स से भरे लड्डू बनाती थीं। पीवी सिंधु ने बताया, ‘उन्हें पता होता था कि मुझे कब प्रोटीन की जरूरत है। वह अपने पारंपरिक तर्क का इस्तेमाल करती थीं। वह मुझे नाश्ते या किसी भी समय खाने के लिए प्रोटीन देती थीं। कभी-कभी, ये लड्डू मेरी भूख मिटा देते थे।’

पीवी सिंधु का खुद को ‘मोटापे के खिलाफ जागरुकता अभियान’ से जोड़ने के पीछे की वजह यह सुनिश्चित करना है कि हर भारतीय को स्वस्थ और वसा रहित रहने के लिए पर्याप्त प्रोटीन मिले। पीवी सिंधु का अपने भोजन को लेकर प्रथम दृष्टिकोण तब सामने आया जब वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मोटापा-विरोधी पहल में ब्रांड एम्बेस्डेर के रूप में शामिल हुईं। उन्होंने अपने समोसे और पकौड़े में तेल पर नजर रखने का वादा किया।

शरीर पर चर्बी नहीं चढ़ने देता प्रोटीन

प्रोटीन शरीर पर चर्बी नहीं चढ़ने देता, वसा को जलाता है, चयापचय को बढ़ाता है, संतुष्टि देता है, भूख को कम करता है, रक्त शर्करा के स्राव को धीमा करता है और शरीर को खुद की मरम्मत करने में मदद करता है। ये सभी चीजें वजन को नियंत्रित करने और मधुमेह और हृदय रोग जैसी बीमारियों को दूर रखने में मदद करते हैं।

पीवी सिंधु स्वीकारती हैं कि एथलीट्स के परिवार में पली-बढ़ी (उनके माता-पिता दोनों वॉलीबॉल खिलाड़ी थे) होने के कारण उन्होंने हमेशा अच्छा आहार लिया। पीवी सिंधु ने बताया, ‘मैंने बहुत कम उम्र में खेलना शुरू कर दिया था और उन दिनों प्रोटीन ड्रिंक्स उस तरह से उपलब्ध नहीं थे जैसे कि वे अब उपलब्ध हैं। इसलिए मेरी मां यह सुनिश्चित करती थीं कि मैं हर भोजन में किसी न किसी तरह का प्रोटीन लूं, जैसे कि अंडा, दाल और पनीर। इससे मुझे अपने लंबे अभ्यास सत्रों के लिए ताकत और सहनशक्ति मिलती थी।

20-40 ग्राम प्रोटीन ही पचा सकता है शरीर

अब पीवी सिंधु के पास भोजन को लेकर ठोस तर्क है। वह जानती हैं कि कि शरीर एक बार में सिर्फ 20 से 40 ग्राम प्रोटीन ही पचा सकता है। वयस्कों को प्रति किलो शरीर के वजन के हिसाब से 0.8 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है और एथलीट्स को 1.2 से 2 ग्राम की आवश्यकता होती है। यही वजह है कि पीवी सिंधु भोजन में प्रोटीन के सेवन को लेकर विशेष रूप से चिंतित रहती हैं। जब उन्हें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन नहीं मिलता है तो वह व्हे प्रोटीन (Whey Protein) लेती हैं। व्हे प्रोटीन में आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं और शरीर उसे आसानी से अवशोषित भी कर लेता है।

क्या होता है दिग्गज शटलर की प्लेट में

दिग्गज शटलर ने कहा, ‘मैं सुबह ट्रेनिंग करती हूं, इसलिए नाश्ते में 2-3 अंडे खाती हूं। कोई भी व्यक्ति कम से कम 1 अंडा खा सकता है। दोपहर के भोजन में सलाद, अच्छी मात्रा में दाल, पनीर या सब्जी, मुख्य रूप से हरी पत्तेदार सब्जियां, बहुत थोड़ा चावल और दही होता है। मेरा डिनर दोपहर के भोजन जैसा ही होता है, बस मैं प्रोटीन की जगह चिकन लेती हूं।

मांसपेशियों को बढ़ाने और बनाए रखने के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि प्रोटीन स्नैक को प्री- या पोस्ट-वर्कआउट स्नैक के रूप में लेने की सलाह दी जाती है और पावर स्पोर्ट्स में होने के कारण पीवी सिंधु को इसकी अधिक आवश्यकता होती है।

प्रोटीन पाउडर डालकर खाती हैं दही

पीवी सिंधु ने बताया, ‘कभी-कभी, मैं भोजन से पर्याप्त प्रोटीन नहीं ले पाती हूं, क्योंकि मैं यात्रा कर रही होती हूं या अपने वर्कआउट सेशन में होती हूं। यह ऐसे समय होते है जब मैं अपने प्रोटीन पाउडर या प्रोटीन ड्रिंक पर निर्भर रहती हूं। कभी-कभी मैं नाश्ते के बीच में दही में प्रोटीन पाउडर छिड़कती हूं।’ पीवी सिंधु चीनी नहीं खाती हैं।

पीवी सिंधु का मानना ​​है कि पर्सनलाइज्ड प्रोटीन प्लान सबसे अच्छा काम करता है। पीवी सिंधु ने बताया, ‘हर व्यक्ति का शरीर अलग-अलग प्रकार का और अलग-अलग संरचना वाला होता है, इसलिए यह पता लगाना बहुत जरूरी है कि आपके शरीर में कितना फैट (Fat) और लीन (Lean) है और मांसपेशियों को विकसित करने के लिए आपको कितना प्रोटीन चाहिए। यह बॉडी कंपोजिशन टेस्ट के जरिये पता लगाया जा सकता है।

न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह लें: पीवी सिंधु

अपनी बात को जारी रखते हुए पीवी सिंधु ने कहा, ‘फिर अपने लिए उपयुक्त भोजन के प्लान के लिए किसी न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह लें। बेशक, एक खिलाड़ी के तौर पर, मैं नियमित रूप से जांच और ब्लड टेस्ट कराती हूं, लेकिन किसी भी शुरुआत करने वाले को अपने लीन मास (Lean Mass) के बारे में पता होना चाहिए। यह भी पता होना चाहिए कि दूसरे मैक्रोन्यूट्रिएंट्स के साथ प्रोटीन को कैसे शामिल किया जा सकता है।’

पीवी सिंधु ने अपनी प्लेट में प्रोटीन को प्राथमिकता देने का एक सरल तरीका तैयार किया है। वह एक स्लॉटेड फूड ट्रे में चावल के लिए बने स्लॉट को दाल और हरी पत्तेदार सब्जियों से बदल देती हैं और सबसे छोटे स्लॉट में कार्ब्स डाल देती है। पीवी सिंधु कहती हैं, ‘मैं एनिमल प्रोटीन खाती हूं, लेकिन जो लोग नहीं खाते हैं, वे प्लांट प्रोटीन की अधिक किस्में शामिल कर सकते हैं। प्लेट में एक चौथाई से ज्यादा कार्ब्स नहीं होना चाहिए। अगर फिर भी उनका प्रोटीन कोटा पूरा नहीं हो तो वे व्हे प्रोटीन ले सकते हैं।’

प्रोटीन से जुड़ा क्या है मिथक?

पीवी सिंधु कहती हैं, ‘बहुत से लोगों को लगता है कि अगर वे प्रोटीन का सेवन बढ़ाएंगे, तो वे मोटे हो जाएंगे। सच्चाई यह है कि यह दुबली मांसपेशियों की वृद्धि को बढ़ावा देता है, जो वसा को बाहर निकालता है और आपको वजन कम करने में मदद करता है।’ पीवी सिंधु जिम जाने वालों को चेताते हुए कहती हैं, ‘किसी भी कसरत के लिए ताकत के लिए रोजाना के आहार में प्रोटीन शामिल करना जरूरी है। नहीं तो आप थक जाएंगे।’

तनाव से मुक्ति का मंत्र

भारत की पदक और ट्रॉफी जीतने की उम्मीद होने के कारण पीवी सिंधु पर शानदार प्रदर्शन करने का हमेशा दबाव रहता है। बातचीत के दौरान पीवी सिंधु ने तनाव से मुक्ति का मंत्र भी बताया। उन्होंने कहा, ‘टूर्नामेंट से पहले, मैं लंबी-लंबी गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज करती हूं। इससे मैं शांत और केंद्रित रहती हूं। मैं नियमित रूप से ध्यान लगाती हूं। टूर्नामेंट के बाद, मैं आराम करती हूं और फिर से ध्यान लगाती हूं और अगले दिन कोर्ट पर वापसी करती हूं।’