प्रो कबड्डी लीग (Pro Kabaddi League) 2021-22 में बेंगलुरु बुल्स (Bengaluru Bullls) के कप्तान पवन कुमार सहरावत (Pawan Kumar Sehrawat) का साउथ अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर एबी डिविलियर्स से खास कनेक्शन है। यही नहीं, वह मैट पर मिस्टर 360 की तरह ही प्रदर्शन करने की इच्छा रखते थे।
पवन सहरावत ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक साक्षात्कार में दक्षिण अफ्रीकी दिग्गज एबी डिविलियर्स (AB de Villiers) को अपना प्रेरणास्रोत बताया था। उन्होंने कहा था, ‘मैंने लंबे समय तक क्रिकेट का अनुसरण किया है। मैं एबी डिविलियर्स का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। वह हमेशा मेरे प्रेरणास्रोत रहे हैं, इसलिए मैंने अपनी जर्सी का नंबर 17 चुना।’
बता दें कि साउथ अफ्रीका के लिए वनडे इंटरनेशनल मैच खेलते हुए एबी डिविलियर्स 17 नंबर की ही जर्सी पहनते थे। यह भी खास है कि एबी डिविलियर्स भी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में कई वर्षों तक विराट कोहली की अगुआई वाली बेंगलुरु बेस्ड रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का हिस्सा रहे हैं।
पवन सहरावत भी प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) में बेंगलुरु बेस्ड कबड्डी टीम बेंगलुरु बुल्स से कई वर्षों से जुड़े हैं। पवन सहरावत क्रिकेट के भी बहुत बड़े प्रशंसक हैं। बेंगलुरु बुल्स के कप्तान पवन सहरावत ने बताया था कि वह अपनी रेडिंग में वैसी ही बहुमुखी प्रतिभा हासिल करने की कोशिश करते हैं, जैसी डिविलियर्स की बल्लेबाजी में होती है।

पवन सहरावत ने कहा था, ‘मैं चाहता हूं कि मेरी रेडिंग शैली डिविलियर्स की बल्लेबाजी शैली की तरह हो। ठीक उसी तरह जैसे वह लॉन्ग ऑन, लॉन्ग ऑफ, हुक या कट हर तरह के शॉट खेलते हैं…। मैं भी हर तरह की रेडिंग के साथ अंक अर्जित करना चाहता हूं- बोनस, जम्प, लीप, स्ट्रेच आदि।’

नौ जुलाई 1996 को जन्में पवन सहरावत ने करीब 11 साल पहले कबड्डी खेलनी शुरू की थी। सहरावत ने बताया, ‘मैंने बवाना के एक सरकारी स्कूल में 14-15 साल की उम्र में कबड्डी खेलना शुरू किया था। जोनल स्तर के टूर्नामेंट हो रहे थे। कबड्डी के लिए खिलाड़ियों की कमी थी। मेरी हैवी बिल्ट थी, इसलिए कोच मुझे ले गए। मैंने वहां अच्छा प्रदर्शन किया।’
उन्होंने कहा, ‘बाद में, मेरे पिता मुझे स्टेडियम ले गए। उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं इस खेल को जारी रखना चाहता हूं। मैंने ऐसा करने में अपनी रुचि दिखाई। मुझे हमेशा से खेलों में दिलचस्पी थी, इसलिए मैं वहां खेला। तब से मैं इस खेल के साथ हूं।’
सहरावत ने बताया कि उन्होंने अपने शुरुआती दिनों में कभी नहीं सोचा था कि उन्हें इतने बड़े मंच पर खेलने का मौका मिलेगा। सहरावत ने कहा, ‘शुरुआती दिन काफी कठिन थे। मैं रोजाना ट्रेनिंग के लिए साइकिल पर 7-8 किमी का सफर तय करता था। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे इतने बड़े मंच पर खेलने का मौका मिलेगा। प्रो कबड्डी ने हमें बहुत बढ़ावा दिया है।’