सुरेश रैना ने 15 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें पत्र लिखकर जिंदगी की दूसरी पारी के लिए शुभकामनाएं दी हैं। प्रधानमंत्री ने रैना को चिट्ठी लिखी है। रैना ने शुक्रवार को ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रिया अदा किया। रैना ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘जब हम खेलते हैं, हम राष्ट्र के लिए अपना खून और पसीना देते हैं। इस देश के लोगों द्वारा और यहां तक कि देश के पीएम द्वारा प्यार किए जाने से बेहतर कोई सराहना नहीं है। धन्यवाद नरेंद्र मोदी जी! आपकी प्रशंसा और शुभकामनाओं को कृतज्ञता के साथ स्वीकार करता हूं। जय हिंद!’
मोदी ने रैना को लिखी चिट्ठी में उनके खेल की तारीफ की है। मोदी ने लिखा, ‘15 अगस्त को आपने अपने जीवन का सबसे मुश्किल फैसला लिया। मैं ‘रिटायरमेंट’ का शब्द इस्तेमाल नहीं करना चाहता हूं, क्योंकि आप ‘रिटायर’ होने के लिए अभी बहुत छोटे और ऊर्जावान हो। क्रिकेट के मैदान पर शानदार सफर तय करने के बाद आप अपने जीवन की दूसरी पारी की तैयारी कर रहे हो।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरेश रैना के क्षेत्ररक्षण कौशल की भी काफी तारीफ की। उन्होंने कहा कि कप्तान का गेंद से भी रैना पर भरोसा कायम था।
उन्होंने लिखा, ‘पीढ़ियां आपको न सिर्फ एक अच्छे बल्लेबाज के रूप में याद करेंगी, बल्कि एक उपयोगी गेंदबाज के तौर पर भी आपकी भूमिका को भुलाया नहीं जा सकेगा। आप एक ऐसे गेंदबाज रहे जिस पर मौका पड़ने पर कप्तान भरोसा कर सकता है। आपकी फील्डिंग शानदार थी। इस दौर के कुछ सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय कैचों पर आपके निशान नजर आते हैं। आपने जितने रन बचाए उनका हिसाब लगाने में तो कई दिन लग जाएंगे।’
When we play, we give our blood & sweat for the nation. No better appreciation than being loved by the people of this country and even more by the country’s PM. Thank you @narendramodi ji for your words of appreciation & best wishes. I accept them with gratitude. Jai Hind pic.twitter.com/l0DIeQSFh5
— Suresh Raina (@ImRaina) August 21, 2020
बता दें कि पीएम ने टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को भी खत लिखकर भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान की तारीफ की थी। मोदी ने धोनी को लिखा था कि उन्होंने छोटे शहर से आने वाले युवाओं को बड़ा सपना देखने की प्रेरणा दी। मोदी ने धोनी को भारतीय क्रिकेट की एक ऐसी घटना बताया था, जिसने उस परिपाटी को बदल दिया कि कामयाबी सिर्फ बड़े शहरों में रहने वाले और महंगी शिक्षा हासिल करने वालों को ही मिल सकती है।