भारतीय क्रिकेटर पार्थिव पटेल ने खुलासा किया कि 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ वापसी करने पर उन्हें मैच से एक दिन पहले ओपनिंग करने का आदेश दिया गया था। पार्थिव ने मोहाली में खेले गए उस मुकाबले में 42 और नाबाद 67 रन की पारी खेली थी। इसके बाद मुंबई टेस्ट की पारी में 15 और चेन्नई टेस्ट की पहली पारी में 71 रन बनाए थे। तीन टेस्ट की 4 पारियों में दो अर्धशतक लगाने के बावजूद पार्थिव को टीम से बाहर कर दिया गया था। इसके बाद उन्हें सीधे 2018 में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर दो टेस्ट खेलने का मौका मिला और बाद में टीम से निकाल दिया गया।

पार्थिव को इस बात का आजतक मलाल है कि उन्हें पर्याप्त मौके नहीं दिए गए। उन्होंने अपने साथी आकाश चोपड़ा से बातचीत में कहा, ‘‘हमलोग हुगली में मुंबई के खिलाफ रणजी ट्रॉफी में खेल रहे थे। उस समय आरपी सिंह गुजरात के लिए खेल रहे थे। हम दो दिन पहले ही वहां पहुंच गए थे। मैंने एक रात खाना खाते समय आरपी को कहा था कि मुझे महसूस हो रहा है कि मेरा कमबैक हो सकता है। अगले ही दिन जब अभ्यास के लिए गया तो देबांग गांधी (चयनकर्ता) वहां थे और उन्होंने कहा कि ऋद्धिमाना साहा चोटिल हुए हैं और हम आपको चुन रहे हैं।’’

पार्थिव ने कहा, ‘‘तब मुझे लगा कि मैं कमबैक कर सकता हूं। मेरे अंदर आत्मविश्वास जगा था। मेरे वो क्षमता भी है। मैंने अनुभवी हूं और तैयार हूं। घरेलू टूर्नामेंट में खूब रन बनाए हैं। कप्तानी भी कई सालों से कर रहा हूं। खुद पर विश्वास करना मेरे लिए कारगर साबित हुआ। मैं हर घरेलू मैच को टेस्ट मैच की तरह खेलता था। जब टेस्ट मैच खेलने आया तो दबाव को झेल पाया। मुझे ओपन करने के लिए कहा गया था। मैं 4-डे क्रिकेट में ओपन नहीं कर रहा था।’’

पार्थिव ने आगे बताया, ‘‘तत्कालीन कोच अनिल कुंबले मेरे पास आए और सीधा कहा कि तुझे ओपन करना है। यह नया नहीं है औऱ तू कर चुका है। मैं 8 साल के बाद कमबैक कर रहा था और वो आसानी से कहकर चले गए तुझे ओपन करना है। हालांकि, यह मेरे गेम को जंचता था। इतने साल के बाद मैं खेल रहा था तो मौके को भुनाना था। मैं उसके लिए तैयार था।’’ पार्थिव ने 25 टेस्ट में 934 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 62 कैच लिए और 10 स्टंप किए। टेस्ट में उनके नाम 6 अर्धशतक भी हैं। पार्थिव ने 38 वनडे में 736 और 2 टी20 में 36 रन बनाए हैं।