भारत को ‘जापान मॉडल’ का अनुकरण करना चाहिए, यह बात कहने वाले वह पहले खिलाड़ी नहीं हैं लेकिन विश्व कप और बैलन डिआर विजेता रिवाल्डो का मानना है कि देश में फुटबॉल के स्तर में सुधार करने के लिए ऐसा करना चाहिए। ब्राजील के महान खिलाड़ी रिवाल्डो यहां तीन दिन के दौरे पर आए हुए हैं। उन्होंने इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) की टीम दिल्ली डायनामोज द्वारा युवा बच्चों के लिए आयोजित फुटबॉल क्लिनिक का दौरा किया। उन्होंने कहा, ‘यह काफी अहम है कि बड़े खिलाड़ी विदेश से आकर यहां युवा खिलाड़ियों को सीख दे रहे हैं। यह महत्वपूर्ण है कि वे बड़े सितारों को ट्रेनिंग करते हुए देखें और सतर्कतापूर्ण उन्हें सुने और उनसे सीखें।’
रिवाल्डो ने कहा, ‘जब जिको (महान ब्राजीली फुटबॉलर) अपने अंतरराष्ट्रीय कोचिंग कैरियर के अंत में जापान में थे उन्होंने काफी विदेशी खिलाड़ियों को नियुक्त किया था लेकिन साथ ही जापानी भी काफी मेहनती और समर्पित थे जिससे उन्हें तेजी से सीखने में मदद मिली।’ रिवाल्डो ने कहा, ‘अब उन्हें विदेशी खिलाड़ियों की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने जिको की सीख और काम करने के तरीके को समाहित कर लिया है और वे आगे बढ़ रहे हैं, विश्व कप में खेल रहे हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि यह भारत में भी हो।’
रिवाल्डो से पहले एक अन्य ब्राजीली पूर्व स्टार डुंगा, उरूग्वे के महान खिलाड़ी डिएगो फोर्लान और जिको ने भारत को जापानी ‘मॉडल’ अपनाने की बात कही है। वह भविष्य में इंडियन सुपर लीग में कोचिंग के विचार के लिए भी खुले थे। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, ‘मैं उज्बेकिस्तान, अंगोला और यूनान में खेल चुके हैं क्योंकि मुझे चुनौतियां हमेशा पसंद रही हैं। यह मेरे लिए नई चुनौती होगी और क्यों नहीं। अगर मुझे यह मौका मिलता है तो मैं दिल्ली डायनामोज में भी ऐसा करूंगा।’