टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की सफलता का राज उनका जिद्दी स्वाभाव है। सात जुलाई 1981 को रांची में जन्में महेंद्र सिंह धोनी कुछ करने की ठान लेते हैं तो जिद पर उतर आते हैं। फिर उन्हें फर्क नहीं पड़ता अन्य लोग इसके बारे में क्या सोचते हैं। यह उनकी सफलता का मूल मंत्र है।
एमएस धोनी को लेकर यह बात टीम इंडिया के पूर्व चयनकर्ता दिवंगत वीबी चंद्रशेखर ने कही थी, जिनकी वजह से चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) को माही मिले। भरत सुंदरसन की किताब ‘द धोनी टच’ (The Dhoni Touch) में इसका जिक्र है।
किताब में बताया गया है कि अगर धोनी ने ठान लिया कि वह कोई काम नहीं करना चाहते तो वह नहीं करते। कोई भी उनसे वह काम नहीं करा सकता। भले ही वह इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (International Cricket Council) ही क्यों न हो। किताब में साल 2016 टी20 वर्ल्ड कप का एक वाकया है। इसमें बताया गया है कि एमएस धोनी ने कैसे बात न मानकर आईसीसी और ब्रॉडकास्टर्स का प्लान चौपट कर दिया था।
क्या था आईसीसी और ब्रॉडकास्टर्स का आइडिया
साल 2016 वर्ल्ड कप भारत में हुआ था। आईसीसी और ब्रॉडकास्टर्स इस टूर्नामेंट में एक नए आइडिया के साथ आए। इसके अनुसार टॉस के बाद दोनों टीमों के कप्तानों को माइक्रोफोन में अपनी-अपनी टीमों का प्लेइंग 11 पढ़ना था। टूर्नामेंट का पहला मैच नागपुर में भारत और न्यूजीलैंड के बीच होना था। धोनी पहले कप्तान थे जिन्हें प्लेइंग 11 पढ़ना था।
कैप्टन कूल ने आईसीसी और ब्रॉकास्टर्स के प्लान पर पानी फेर दिया
धोनी से माइक पर प्लेइंग 11 पढ़ने की गुजारिश की गई और उन्होंने हमेशा की तरह बगैर लाग लपेट के जवाब दिया। उन्होंने इसके लिए मना कर दिया। इस तरह से कैप्टन कूल ने आईसीसी और ब्रॉकास्टर्स के एक बेहतरीन प्लान पर पानी फेर दिया। एमएसडी की गिनती दुनिया के सबसे महानतम कप्तानों में होती है। उनकी कप्तानी में टीम इंडिया टी20 वर्ल्ड कप, वनडे वर्ल्ड और चैंपियंस ट्रॉफी जीती। इसके अलावा चेन्नई सुपर किंग्स 5 बार आईपीएल का खिताब जीत चुकी है। इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले चुके धोनी आईपीएल में अब भी खेलते हैं।