दिनेश कार्तिक ने टीम इंडिया के लिए पहला इंटरनेशनल मैच 5 सितंबर 2004 को इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। उनके बाद महेंद्र सिंह धोनी ने 23 दिसंबर 2004 को बांग्लादेश के खिलाफ वनडे से डेब्यू किया। कार्तिक को धोनी से बेहतर विकेटकीपर माना जाता था, लेकिन बल्ले से निरंतर बेहतर प्रदर्शन नहीं करने का खामियाज उन्हें भुगतना पड़ा। धोनी और कार्तिक 2007 टी20 वर्ल्ड कप में साथ खेले थे। उस टूर्नामेंट में एक बार धोनी ने मैच के बीच में कार्तिक को विकेटकीपिंग सौंप दी थी।
टीम इंडिया का मुकाबला दक्षिण अफ्रीका से था। मैच में भारतीय टीम हारती तो सेमीफाइनल में पहुंचने का सपना टूट जाता। दक्षिण अफ्रीका के साथ न्यूजीलैंड की टीम अंतिम-4 में पहुंचने में कामयाब हो जाती। मैच में टीम इंडिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 5 विकेट पर 153 रन बनाए थे। रोहित शर्मा ने 50 और कप्तान धोनी ने 45 रन बनाए थे। दक्षिण अफ्रीका को सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए कम से कम 126 रन बनाने थे, ऐसा नहीं करने पर न्यूजीलैंड की टीम भारत के साथ आगे बढ़त जाती थी।
अफ्रीकी टीम 20 ओवर में 9 विकेट पर 116 रन ही बना सकी। वह एक बार फिर से आईसीसी टूर्नामेंट में चोकर्स साबित हुई। भारत के रूद्र प्रताप सिंह (आरपी सिंह) ने 4, श्रीसंत और हरभजन 2 विकेट लिए थे। दक्षिण अफ्रीका की पारी के दौरान एक अजीबोगरीब घटना हुई। धोनी ने विकेटकीपिंग के लिए कार्तिक को बुला लिया। दरअसल, दूसरे ओवर में आरपी सिंह की गेंद पर कार्तिक ने स्लिप में एक बेहतरीन कैच लपका। उन्होंने डाइव लगाते हुए गेंद को लपक लिया। इसके बाद धोनी ने उन्हें तुरंत विकेटकीपिंग के लिए बुलाया।
मैच में कमेंट्री कर रहे रवि शास्त्री ने इस पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा, ‘‘आश्चर्यजनक रूप से कार्तिक ने विकेटकीपिंग का पैड पहन लिया है। धोनी फील्डिंग कर रहे हैं। वे मैदान से बाहर नहीं गए हैं।’’ भारतीय टीम इस मैच को जीतकर सेमीफाइनल में पहुंच गई। वहां उसने ऑस्ट्रेलिया को हरा दिया। दूसरी ओर, पाकिस्तान ने न्यूजीलैंड को हराकर फाइनल में अपना स्थान पक्का किया। खिताबी मुकाबले में टीम इंडिया 5 रन से जीती थी।