इंग्लैंड के पूर्व स्पिनर मोंटी पनेसर का मानना है कि शुभमन गिल क्रिकेट के सभी फॉर्मेट का कप्तान बनने के योग्य नहीं हैं। उनका कहना है कि गिल के पास उस तरह के जोश की कमी है जो एक कप्तान में होनी चाहिए। पनेसर ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि गिल में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन दवाब में उनका रवैया सही नहीं होता और वो अक्सर लापरवाह हो जाते हैं।
गिल में है आक्रामकता की कमी
मोंटी पनेसर ने गिल और विराट कोहली के बीच के फर्क को बताया और कहा कि कोहली में जिस तरह की एनर्जी है वही उन्हें दूसरे से अलग बनाती है। पनेसर ने कहा कि गिल एक लापरवाह क्रिकेटर है। उनमें बहुत टैलेंट है, लेकिन वह गेम में आलसी शॉट खेलने लगते हैं। विराट कोहली की इंटेंसिटी और आक्रामकता सभी फॉर्मेट में साफ दिखती है जबकि शुभमन गिल ऐसा नहीं कर सकते। यह उनके लिए बहुत ज्यादा बोझ है और वो सभी फॉर्मेट के कप्तान नहीं बन सकते।
रोहित-डिकॉक ओपनर, तिलक नंबर 4; AI ने IPL 2026 के लिए किया मुंबई इंडियंस की प्लेइंग 11 का चयन
मोंटी पनेसर ने टीम इंडिया के कोच गौतम गंभीर के बारे में बात करते हु एकहा कि वो अभी भी एक कोच के तौर पर टेस्ट प्रारूप के हिसाब से खुद को ढाल रहे हैं। पनेसर ने कहा कि गौतम गंभीर व्हाइट-बॉल क्रिकेट में एक अच्छे कोच हैं क्योंकि वह सफल रहे हैं। वह रणजी ट्रॉफी में काम कर सकते हैं और घरेलू कोचों से बात कर सकते हैं कि रेड-बॉल क्रिकेट में टीमें कैसे बनाई जाती हैं।
टेस्ट क्रिकेट के लिए तैयार नहीं हैं भारतीय खिलाड़ी
पनेसर ने कहा कि सीनियर खिलाड़ियों के जाने के बाद बदलाव के दौर की वजह से भी भारत को संघर्ष करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अभी भारतीय टीम टेस्ट क्रिकेट में कमजोर है। यही सच्चाई है कि जब तीन बड़े खिलाड़ी रिटायर हो जाते हैं तो बाकी खिलाड़ियों को तैयार रखना मुश्किल हो जाता है और इसमें समय लगता है। उन्होंने कहा कि भारतीय खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट के लिए तैयार नहीं हैं। जो खिलाड़ी टी20 और वनडे में अच्छा प्रदर्शन करते हैं जरूरी नहीं कि वे टेस्ट में भी अच्छा प्रदर्शन करें। रणजी ट्रॉफी और भारतीय टेस्ट टीम के बीच बहुत बड़ा अंतर है।
वैभव सूर्यवंशी जोरदार शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल पाए, 310 की स्ट्राइक रेट से बनाए रन
