मोहम्मद सिराज रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के तीन रिटेन किए गए खिलाड़ियों में से एक हैं। सिराज ने बहुत कम समय में ही भारतीय क्रिकेट टीम में भी अपनी जगह बना ली है। सिराज ने 2017 में आईपीएल के लिए डेब्यू (सनराइजर्स हैदराबाद) किया था। तब उन्हें सिर्फ 6 मैच में ही खेलने का मौका मिला था। वह 2018 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का हिस्सा बने, उस सीजन उन्होंने 11 मैच में 11 विकेट लिए, लेकिन 2019 का सीजन उनका काफी खराब गया।
मोहम्मद सिराज उस सीजन 9 मैच में सिर्फ 7 विकेट ही ले पाए। साल 2019 के सीजन के दौरान उन्हें लगा था कि उनका आईपीएल करियर खत्म हो गया। हालांकि, ऐसे मुश्किल समय उन्हें महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) की सलाह काम आई थी। उस समय लोगों ने उनसे यह तक कह दिया था कि क्रिकेट छोड़ो और अपने पिता के साथ जाकर ऑटो चलाओ।
साल 2019 में सनराइजर्स हैदराबाद और कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ मैच में उन्होंने काफी रन लुटाए थे। उन्होंने 2.2 ओवर में 36 रन दिए। इसके बाद उन्होंने बल्लेबाज को लगातार 2 बीमर फेंकी, जिसके चलते उन्हें जबरदस्ती गेंदबाजी से हटा दिया गया। यही नहीं, उन्होंने क्रिस लिन का कैच भी टपका दिया। नतीजा यह रहा है कि 205 रन बनाने के बावजूद रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर वह मुकाबला हार गई थी।
उस हार के बाद मोहम्मद सिराज को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था। सिराज ने आरसीबी पॉडकास्ट को बताया, ‘लोगों ने कहा क्रिकेट छोड़ो और वापस जाओ और अपने पिता के साथ ऑटो चलाओ। ऐसी बहुत सारी टिप्पणियां आईं थीं, लेकिन लोग इस सब के पीछे के संघर्ष को नहीं देखते हैं।’
सिराज ने बताया, ‘लेकिन मुझे याद है जब मैं पहली बार चुना गया था कि कैसे माही भाई (एमएस धोनी ने मुझसे कहा था लोग जो भी तुम्हारे बारे में कह रहे हैं, उसे बिल्कुल न सुनें, बिल्कुल भी ध्यान नहीं दें। जब आप अच्छा करते हैं, तब वे आपकी प्रशंसा करेंगे और जब आप नहीं करेंगे तो लोग आपको गाली देंगे। इसलिए इसे कभी भी गंभीरता से न लें।’
सिराज ने बताया, ‘और हां, वही लोग जिन्होंने मुझे बार-बार ट्रोल किया अब वही कहते हैं कि तुम सबसे अच्छे गेंदबाज हो भाई। तो मुझे पता है। मुझे किसी की राय नहीं चाहिए। मैं वही सिराज हूं जो मैं तब था।’
उन्होंने कहा, ‘साल 2019 में आरसीबी के लिए खेलते हुए मेरा प्रदर्शन इतना खराब था कि मुझे लगा कि यह मेरे आईपीएल करियर का अंत है। हालांकि, मुझे इस बात का भी अहसास था कि अभी मेरी उम्र है, इसलिए मैंने खुद पर थोड़ा भरोसा किया।’
उन्होंने कहा, ‘शुक्र है कि उस समय आरसीबी प्रबंधन ने भी मेरा बहुत समर्थन किया। मैंने सोचा था कि वैसी स्थिति में कोई भी फ्रेंचाइजी मुझे छोड़ देती। लेकिन उन्होंने मेरा समर्थन किया और फिर 2020 में केकेआर के खिलाफ मैच मेरे लिए जीवन बदलने वाला खेल था।’