जब भी सौरव गांगुली के लार्ड्स की बालकनी में शर्ट्स उतारने की चर्चा होगी, तब-तब मोहम्मद कैफ का जिक्र जरूर आएगा। एक दिसंबर 1980 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में जन्में कैफ की पारी के दम पर ही गांगुली ने लॉर्ड्स की बालकनी में अपनी शर्ट उतारकर जश्न मनाया था। हालांकि, यह बात शायद ही कुछ लोग जानते हैं कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डेब्यू मैच से पहले मोहम्मद कैफ बहुत डर गए थे। वह दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाजों का सामना करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे।
कैफ ने यह राज गौरव कपूर के यूट्यूब चैनल के शो ब्रेकफास्ट विद चैंपियंस में खुद खोला था। कैफ अपने समय के शानदार फील्डर भी रहे हैं, बल्कि यूं कहें कि कई-कई मैचों में तो उन्होंने अपनी फील्डिंग के दम से विरोधी टीम के ढेरों रन नहीं बनने दिए। कैफ ने अपने डेब्यू मैच की पहली पारी में 22 और दूसरी पारी में 23 रन बनाए थे। दोनों ही पारियों में उन्हें जैक्स कैलिस ने एलबीडब्ल्यू किया था। उस मैच में दक्षिण अफ्रीका की पेस बैटरी की अगुआई एलन डोनाल्ड कर रहे थे। शॉन पोलॉक और नैन्टी हेवर्ड उनका साथ दे रहे थे। उस मैच में दक्षिण अफ्रीका की अगुआई हैंसी क्रोनिए ने की थी। भारत ने वह मैच एक पारी और 71 रन से गंवा दिया था।
गौरव कपूर ने कैफ से उनके डेब्यू को लेकर सवाल किया था। गौरव ने पूछा, डेब्यू याद है। कैफ ने कहा, ‘डेब्यू था मेरा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ, एलन डोनाल्ड, लांस क्लूजनर (कैफ के डेब्यू मैच में क्लूजनर दक्षिण अफ्रीका की प्लेइंग इलेवन में नहीं थे, क्योंकि वह घायल हो गए थे), जैक्स कैलिस, शॉन पोलॉक, नैन्टी हेवर्ड।’ कैफ ने कहा, ‘नैन्टी हेवर्ड के लिए अगर मैं शब्द इस्तेमाल करूं… क्रेजी था वह, पागल था, पगलैट। हम लोग जो पिच मैप में जो लेंथ दिखाते हैं कि फुल लेंथ, गुड लेंथ, शॉर्ट ऑफ लेंथ, उसको उस पर भरोसा था ही नहीं। वह बैकऑफ लेंथ पर भरोसा करता था।’
कैफ ने बताया कि वह डेब्यू से पहले डर गए थे। कैफ ने कहा, ‘सिर पर मारना है बाउंसर। नैन्टी हेवर्ड को बस उसमें ही मजा आता था। उसने मुझे एक बॉल कवर ड्राइव नहीं दी। उनके पास जो ताकत, जो पावर और जिस स्पेस के साथ बॉलिंग कर रहे थे, उस समय मुझे लगा कि मैं तैयार नहीं हूं।’ कैफ ने बताया, ‘मैं अंडर-19 वर्ल्ड कप जिताकर आया था, श्रीलंका में। तो बहुत नाम था, बहुत हाइप था। डोमेस्टिक में अच्छा खेला और अचानक भारत के लिए खेलना का मौका मिल गया।’
कैफ ने कहा, ‘लेकिन मुझे लगा कि मैं तैयार था नहीं। उस पेस को हैंडल करना। मैंने डोमेस्टिक में उस तरह की पेस कभी खेली नहीं। मैं कई प्लेयर्स को देखता हूं, कि हां जल्दबाजी में सेलेक्टर्स आपको जल्दी मौका दे देते हैं, शायद वही मेरे साथ हुआ था।’
कैफ ने बताया कि नेटवेस्ट सीरीज 2002 में सचिन तेंदुलकर के आउट होने के बाद हर किसी को लग रहा था कि मैच खत्म हो गया है। यहां तक कि उनके परिवार को भी लगा था कि भारत मैच हार गया। शायद यही वजह थी कि इलाहाबाद में रह रहे कैफ के पिता परिवार के साथ देवदास फिल्म देखने के लिए चले गए थे। हालांकि, बाद में जो वह इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया, क्योंकि उनका बेटा देश को जीत दिला चुका था।