दक्षिण अफ्रीका के महान क्रिकेटर माइक प्रॉक्टर का शनिवार (17 फरवरी) को हार्ट सर्जरी के बाद निधन हो गया। वह 77 वर्ष के थे। अपने समय के एक महान ऑलराउंडर प्रॉक्टर ने 401 प्रथम श्रेणी मैचों में 48 शतक की मदद से 21,936 रन बनाए और 19.53 की औसत से 70 बार पांच विकेट की मदद से 1417 विकेट लिए। क्रिकेट से संन्यास के बाद प्रॉक्टर मैच रेफरी बन गए और विवादों में बने रहे। वह 2008 में विवादित सिडनी टेस्ट में रेफरी थे। उन्होंने मंकीगेट मामले में भारत के पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह पर बैन लगाया था।
देश के महानतम क्रिकेटरों में गिने जाने वाले प्रॉक्टर का इंटरनेशनल करियर 1970 और 80 के दशक में नस्लभेद के कारण दक्षिण अफ्रीका पर बैन के ज्यादा बड़ा नहीं सका। वह केवल सात टेस्ट मैच ही खेल पाए। सभी मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले। रॉन्ग फुट सीम गेंदबाजी का शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रॉक्टर ने उन 7 मैचों में 15.02 की औसत से 41 विकेट लिए।
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में लगातार छह शतक
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरी सीरीज में भी उनका बल्ले से औसत 34.83 था। प्रॉक्टर ने काउंटी क्रिकेट में ग्लॉस्टरशायर के लिए शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 13 वर्षों तक खेला। काउंटी टीम 1969 में संघर्ष कर रही थी और प्रॉक्टर के 100 से अधिक विकेट लेने के कारण दूसरे स्थान पर पहुंच गई। जब प्रॉक्टर बल्ले से फॉर्म में थे, तो उन्होंने खूब शतक बनाए। 1970 में रोडेशिया के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में लगातार छह शतक और 1971 में ग्लॉस्टरशायर के लिए चार प्रथम श्रेणी शतक लगाए।
प्रॉक्टरशायर के नाम से जाने जाते थे
प्रॉक्टर को 1970 में विजडन के फाइव क्रिकेटर्स ऑफ द ईयर में नामित किया गया था। उन्होंने 1979 में ग्लॉस्टरशायर के लिए दो मैचों में दो हैट्रिक लेने की दुर्लभ उपलब्धि भी हासिल की। उन्होंने 1977 और 1981 के बीच टीम का नेतृत्व किया और 1977 में बेन्सन एंड हेजेस कप में टीम की कप्तानी की। उनकी लोकप्रियता उनके काउंटी के उपनाम प्रॉक्टरशायर से स्पष्ट थी।
प्रॉक्टर रेफरी बनने के बाद विवादों में रहे
रिटायरमेंट के बाद प्रॉक्टर मैच रेफरी बन गए और खूब विवादों में रहे। वह 2006 में ओवल में रेफरी थे जब बॉल टेम्परिंग गेंद के मामले में दंडित किए जाने के बाद पाकिस्तान ने टेस्ट मैच खेलने से मना कर दिया था। 2008 में वह सिडनी में रेफरी थे और उन्होंने भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह पर नस्लवाद के आरोप में तीन मैचों के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। यह निर्णय बाद में पलट दिया गया था। वह 2008 में पद से हट गए और दक्षिण अफ्रीका के चयनकर्ताओं के संयोजक बन गए। प्रॉक्टर के परिवार में पत्नी मैरीन और दो बेटियां हैं।