इंडिय प्रीमियर लीग (IPL) की ट्रॉफी पर एक वाक्य लिखा है। ये वाक्य है – यत्र प्रतिभा अवसर प्राप्नोति। इसका मतलब है- जहां प्रतिभा को अवसर मिलता है। पिछले 2 दिनों में 2 किशोर खिलाड़ियों ने इस वाक्य को सही साबित किया है। शनिवार (19 अप्रैल) को राजस्थान रॉयल्स (RR) के लिए 14 साल के वैभव सूर्यवंशी ने पहली ही गेंद पर छक्का जड़कर डेब्यू किया, तो रविवार (20 अप्रैल) को चेन्नई सुपर किंग्स के लिए 17 साल के आयुष म्हात्रे ने डेब्यू पर 15 गेंद पर 32 रन ठोककर गदर काटा।

17 साल 278 दिन में डेब्यू करने के बाद चेन्नई सुपर किंग्स के सबसे युवा खिलाड़ी बने आयुष म्हात्रे जब क्रीज पर आए तब धोनी की टीम की हालत खराब थी। 3.1 ओवर में 1 विकेट पर 16 रन बनाए थे। 9 गेंद पर 5 रन बनाकर रचिन रविंद्र आउट हुए। म्हात्रे ने आते ही मिड ऑफ की तरफ शॉट खेलकर अपने तेवर दिखा दिए। हार्दिक पंड्या ने डाइव लगाकर गेंद को रोका। अगली ही गेंद पर उन्होंने चौथा जड़ा। इसके बाद छक्का जड़ा।

घरेलू मैदान पर आईपीएल डेब्यू

आयुष म्हात्रे ने अश्विनी कुमार के ओवर में छक्के से अंत किया। चेन्नई का स्कोर 3 ओवर में 16 से 4 ओवर में 1 विकेट पर 34 रन हो गया। आयुष ने दीपक चाहर को भी 2 चौके जड़े। हालांकि, चाहर ने उन्हें पवेलियन भेजा। उन्होंने 2 छक्के और 4 चौके जड़े। चेन्नई ने 7 ओवर में 2 विकेट पर 58 रन ठोक दिए। चोटिल ऋतुराज गायकवाड़ के रिपलेसमेंट के तौर पर चेन्नई सुपर किंग्स से जुड़े आयुष म्हात्रे ने नहीं सोचा होगा कि उनका आईपीएल डेब्यू उनके घरेलू मैदान वानखेड़े में होगा।

6 साल के आयुष का इंटरव्यू

आयुष म्हात्रे ने तब बल्ला थाम लिया था जब बच्चे ककहरा सीख रहे होते हैं। वेंगसरकर क्रिकेट एकेडमी (पूर्व भारतीय क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर की एकेडमी) ने आयुष का जुलाई 2014 का वीडियो यूट्यूब पर अपलोड किया है। तब 6 साल के आयुष इंटरव्यू में सवालों का एक-शब्द में जवाब देते हैं। वह ठीक से बोल भी नहीं पाते हैं। फिर उनको मुंबई के मैदान पर ले जाने वाले नाना का इंटरव्यू लिया गया।

उसे आगे बढ़ाना हमारा कर्तव्य

यह पूछे जाने पर कि उन्होंने आयुष को इतनी कम उम्र में ट्रेनिंग के लिए क्यों भेजा? नाना लक्ष्मीकांत नाइक जवाब देते हैं, “हमने बल्ले से उसकी प्रतिभा देखी। हमने सोचा कि वह खेल में कुछ बड़ा बनेगा या नहीं, यह नियति की बात है। लेकिन उसे आगे बढ़ाना हमारा कर्तव्य है। हमने उसे वेंगसरकर क्रिकेट एकेडमी को भेजा क्योंकि किसने उनका नाम नहीं सुना है? सचिन तेंदुलकर से पहले वह एक महान खिलाड़ी थे। इसलिए हमने सोचा कि हमें उसे उस कद के किसी व्यक्ति के अंडर काम करने के लिए भेजना चाहिए। आयुष में इतनी प्रतिभा है कि अगर वह सर्वश्रेष्ठ से सीखे तो वह तेजी से आगे बढ़ सकता है।”

आयुष म्हात्रे का घरेलू क्रिकेट करियर

आयुष म्हात्रे ने पिछले साल ईरानी ट्रॉफी में रेस्ट ऑफ इंडिया टीम के खिलाफ मुंबई रणजी ट्रॉफी टीम के लिए ओपनर बल्लेबाज के रूप में डेब्यू किया था। आयुष म्हात्रे ने अब तक नौ प्रथम श्रेणी मैचों में मुंबई का प्रतिनिधित्व किया है। इसमें दो शतक और एक अर्धशतक शामिल है। इसके अलावा वह सात लिस्ट ए मैच भी खेल चुके हैं। इन लिस्ट ए मैचों में उनका नागालैंड के खिलाफ 181 का हाई स्कोर है। विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान सौराष्ट्र के खिलाफ 148 रन बनाए हैं।

असली क्रिकेट 10 साल में शुरू हुआ

म्हात्रे ने पिछले साल इंडियन एक्सप्रेस से कहा था, “मैंने 6 साल की उम्र में खेलना शुरू किया था, लेकिन मेरा असली क्रिकेट तब शुरू हुआ जब मैं 10 साल का था। मुझे माटुंगा के डॉन बॉस्को हाई स्कूल में दाखिला मिला और मेरे नाना लक्ष्मीकांत नाइक ने मुझे हर दिन वहां ले जाने की जिम्मेदारी ली। इसलिए सुबह मैं माटुंगा में अभ्यास के लिए जाता था, स्कूल जाता था और फिर दूसरी प्रैक्टिस में शामिल होने के लिए चर्चगेट जाता था। मेरा परिवार मेरे नानाजी से कहता था कि मेरी नींद खराब न करें, लेकिन अब उन्हें भी लगता है कि मेरा त्याग रंग ला रहा है।”