क्रिकेट के तीनों प्रारुपों में टेस्ट क्रिकेट को सबसे ऊपर माना जाता है। इसकी एक बड़ी वजह टेस्ट क्रिकेट का रोमांच है। हाल ही में ये रोमांच डरबन में खेले गए सीरीज के पहले टेस्ट मैच में देखने को मिला। इस मैच में मेहमान टीम श्रीलंका ने मेजबान साउथ अफ्रीका पर एक विकेट से रोमांचक जीत हासिल की। श्रीलंका के लिए आखिरी विकेट के लिए कुसल परेरा और विश्व फर्नांडो ने 78 रनों की साझेदारी कर अपनी टीम को जीत दिलाई।
इस मैच में साउथ अफ्रीका ने पहली पारी में 235 रन बनाए थे और जवाब में श्रीलंकाई टीम सिर्फ 191 रनों पर सिमट गई। दूसरी पारी में मेजबान टीम ने 259 रन बनाए और श्रीलंका के सामने 304 रनों का लक्ष्य रखा। दूसरी पारी में श्रीलंका का 9वां विकेट 226 रन के स्कोर पर गिर चुका था। ऐसे में 304 रनों का लक्ष्य बहुत दूर नजर आ रहा था। लेकिन एक छोर पर डटे कुसल परेरा ने विश्व फर्नांडो के साथ मिल कर अपनी टीम को जीत दिला दी। इस मैच में कुसल परेरा ने नाबाद 153 रन की पारी खेली। क्रिकेट जगत में कई सालों बाद ये कारनामा देखने को मिला, जब किसी क्रिकेटर ने आखिरी विकेट तक मोर्चा संभाले रखा और टीम को जीत दिलाकर ही दम लिया। आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ टेस्ट पारियों के बारे में……
गॉर्डन ग्रीनिज
साल 1984 में क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्स में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट मैच खेला जा रहा था। इस मैच में इंग्लैंड के कप्तान डेविड गोवर ने दूसरी पारी 9 विकेट पर 300 रनों के स्कोर पर घोषित कर वेस्टइंडीज को 78 ओवरों में 342 रनों का लक्ष्य दिया। वेस्टइंडीज की पारी की शुरूआत खराब रही और सलामी बल्लेबाज डेसमंड 17 रन पर रन आउट हो गए। इसके बाद गार्डन ग्रीनिज ने 29 चौके और दो छक्के की मदद से नाबाद 214 रन ठोकते हुए वेस्टइंडीज को जीत दिला दी। उन्होंने इस दौरान 29 चौके और दो छक्के लगाए थे, जबकि दूसरे छोर पर उनका साथ देने वाले लैरी गोम्स ने 140 गेंदों में 13 चौके की मदद से नाबाद 92 रनों की पारी खेली।
ब्रायन लारा
साल 1999 में ब्रिजटाउन में वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट मैच खेला गया। इस मैच में वेस्टइंडीज को जीत के लिए 308 रनों का विशाल लक्ष्य मिला। वेस्टइंडीज के 248 रन पर 8 विकेट गिर चुके थे। इसके बाद ब्रायन लारा ने कर्टली एंब्रोस के साथ 9वें विकेट के लिए 54 रन की अहम साझेदारी कर वेस्टइंडीज को जीत के करीब तक ले आए। जीत से 6 रन पहले वेस्टइंडीज को 9वां झटका लगा। अब विंडीज का आखिरी विकेट बचा था और लारा का साथ देने के लिए क्रीज पर कर्टनी वाल्श मौजूद थे। इस दौरान वाल्श एक छोर पर डटे रहे और लारा ने वेस्टइंडीज को 1 विकेट से ऐतिहासिक जीत दिला दी। इस मैच म में लारा 153 रन पर नाबाद लौटे।
सचिन तेंदुलकर
ये बात है साल 2008 की। भारत और इंग्लैंड के बीच वनडे सीरीज खेली जा रही था। इस बीच मुंबई में आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। सुरक्षा कारणों की वजह से इंग्लैंड की टीम सीरीज के दो आखिरी मैच खेले बगैर स्वदेश लौट गई। हालात सामान्य होने के बाद इंग्लैंड की टीम टेस्ट सीरीज के लिए भारत लौटी। पहला टेस्ट चेन्नई में खेला गया जिसमें इंग्लैंड ने चौथी पारी में भारत को जीत के लिए 387 रनों का लक्ष्य दिया। टेस्ट में इतने बड़े लक्ष्य को हासिल करना किसी भी टीम के लिए काफी मुश्किल माना जाता है। ये जीत तब और भी कठिन हो जाती है जब सामने जेम्स एंडरसन, स्टीव हार्मिसन, एंड्रयू फ्लिंटॉफ, ग्रीम स्वान और मोंटी पनेसर जैसे काबिल गेंदबाज हो। लेकिन भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग और गौतम गंभीर ने शानदार टीम इंडिया को शानदार शुरूआत दी। सहवाग ने 68 गेंदों में 83 रनों की शानदार पारी खेली, जबकि गंभीर ने 139 गेंदों में 66 रन बनाए। इसके बाद सचिन तेंदुलकर ने 196 गेंद में 9 चौके की मदद से नाबाद 103 रनों की पारी खेलते हुए भारत को जीत दिला दी।