भारतीय टीम का आगामी ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए जब से स्क्वाड जारी हुआ है एक नया बवाल छिड़ गया है। भारत को चैंपियंस ट्रॉफी जिताने वाले कप्तान रोहित शर्मा से कप्तानी छीनते हुए शुभमन गिल को कप्तान बनाना फैंस और कुछ पूर्व भारतीय क्रिकेटर्स को भी हजम नहीं हुआ है। इसी कारण अब सब अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। वहीं पूर्व बल्लेबाज मनोज तिवारी ने तो सीधे हेड कोच पर ही सवाल उठा दिए हैं। उनके मुताबिक जब से गौतम गंभीर हेड कोच बने हैं तभी से सभी बवाल शुरू हो गए हैं। वहीं उन्होंने इस ओर भी इशारा कर दिया कि गंभीर के कारण ही सीनियर प्लेयर्स को धीरे-धीरे नजरअंदाज किया जाने लगा है।

मनोज तिवारी के ‘गंभीर’ आरोप

भारतीय टीम के लिए शतक लगा चुके पूर्व खिलाड़ी मनोज तिवारी ने गौतम गंभीर को बुरी तरह घेरा है। उन्होंने कहा कि, ‘जब से इंडियन टीम के नए कोच आए हैं तभी से अलग-अलग कंट्रोवर्सी हो रही हैं। अश्विन ने पहले संन्यास लिया।’ उसके बाद विराट और रोहित ने टेस्ट क्रिकेट से अचानक अलविदा कहे दिया। अब रोहित शर्मा से वनडे कप्तानी छिनना। मनोज के अनुसार इन सभी में हेड कोच का जरूर कोई ना कोई रोल है।

वहीं तिवारी ने यह भी कहा कि ‘यह तीनों (अश्विन, रोहित और विराट) कोच से भी ज्यादा अनुभवी खिलाड़ी हैं। अगर टीम मीटिंग में उन्हें कुछ अच्छा या सही नहीं लगेगा जरूर वह बोलेंगे। लेकिन कुछ ऐसे व्यक्तिगत लोग हैं जो इन्हें इग्नोर करना चाहते होंगे।’ मनोज तिवारी आगे यह भी बोले कि, ‘यह सब कुछ भारतीय क्रिकेट के लिए ठीक नहीं है। वहीं मेरे पास बहुत बड़ा पीआर नहीं है जो मुझे प्रमोट करे या मेरे कमेंट व बयान को आगे बढ़ाए। लेकिन मुझे लगता है कि अब मेरे इस बयान से उन लोगों का पीआर एकदम जग जाएगा और मेरे बारे में बहुत कुछ उल्टा-सीधा लिखने लगेगा।’

गौतम गंभीर के कोच बनते ही हुए ये बवाल

गौतम गंभीर के कोच बनते ही भारत को सबसे पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ होम टेस्ट सीरीज में हार मिल गई। फिर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भी टीम इंडिया हारी और इसी दौरान रविचंद्रन अश्विन के संन्यास से कई सवाल उठने लगे। इसके बाद चैंपियंस ट्रॉफी में रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया ने खिताब जीता और यह गंभीर की बतौर कोच पहली उपलब्धि थी। मगर उसके बाद उन्हीं रोहित शर्मा को टेस्ट की कप्तानी से हटाया गया और उन्होंने रिटायरमेंट ले लिया। फिर वनडे में भी अब रोहित को हटाते हुए गिल को कप्तानी दे दी गई। इस दौरान विराट कोहली ने भी टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहे दिया था।

रविंद्र जडेजा को भी वर्तमान वनडे टीम से बाहर कर दिया गया है। वहीं हर्षित राणा को लगातार टीम इंडिया में तवज्जो मिल रही है। इसके कारण भी गौतम गंभीर के ऊपर केकेआर लॉबी चलाने के आरोप लगते हैं। इससे पहले मोर्ने मॉर्कल और रियान टेन डस्काटे को भी गंभीर की पसंद के रूप में ही बतौर सपोर्ट स्टाफ लाया गया था। साथ ही शुभमन गिल को लगातार बढ़ावा देने और संजू सैमसन की बतौर कमेंटेटर पैरवी करने वाले गंभीर ने उन्हें ही तीन शतक लगाने के बावजूद टी20 में नीचे ढकेल दिया। उसके बाद वनडे में भी ध्रुव जुरेल को उनके आगे चुना गया। यह सभी बातें गौतम गंभीर के ऊपर बतौर कोच कई सवाल उठाती हैं।